अमेरिका का संगीन आरोप, चीनी हैकर चुरा रहे हैं कोरोना वैक्सीन रिसर्च की जानकारियां
नई दिल्ली। चीन पर एक बार फिर कोरोना वैक्सीन के रिसर्च चुरने का आरोप लगा है। अमेरिकी न्याय विभाग ने दो चीनी हैकरों ली शियाओयू और डोंग जियाजी पर दुनियाभर की कंपनियों के व्यापार से जुड़ी करोड़ों डॉलर मूल्य की गुप्त जानकारियों को चुराने और हाल ही में कोरोना वायरस के लिए टीका विकसित कर रही फर्मो को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि हाल के महीनों में हैकरों ने वैक्सीन और उपचार विकसित करने के अपने काम के लिए सार्वजनिक रूप से ज्ञात कंपनियों के कंप्यूटर नेटवर्क की कमियों पर शोध किया था। मामले में हैकर्स के खिलाफ व्यापार से जुड़ी गुप्त जानकारियां चोरी करने और धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं।
एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर डेविड बोदिच ने कहा कि चीन अपनी खुफिया एजेंसी के माध्यम से निर्देशित साइबर अपराध के द्वारा न सिर्फ अमेरिका बल्कि अन्य देशों को भी धमकी देने की कोशिश कर रहा है। यूएस अटॉर्नी विलियम हैलॉप ने कहा कि हैकर्स ने दुनिया भर की कंपनियों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि हैकरों द्वारा अमेरिका समेत दुनिया भर में कई व्यवसायों, व्यक्तियों और एजेंसियों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर लिया गया है और इसके बाद संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां चोरी की जा रही है।
रूस पर भी लगाया था आरोप
इससे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने रूस पर वैक्सीन रिसर्च चोरी करने की कोशिश का आरोप लगाया था। तीनों देशों का दावा है कि रूस मेडिकल संगठनों और यूनिवर्सिटीज पर साइबर हमले कर रिसर्च चुराने की कोशिश कर रहा है। तीनों ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान जारी कर दावा किया है कि APT29 नाम के हैकिंग ग्रुप ने अभियान छेड़ रखा है।