UNSC में आज कोरोना वायरस पर चर्चा, रूस पर टिकी हैं सबकी नजरें
न्यूयॉर्क। आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कोविड-19 पर चर्चा होगी। सुरक्षा परिषद महामारी के प्रभावों पर चर्चा करेगा। यूएनएससी की यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब पिछले दिनो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और चीन के रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है। आपको बता दें कि मार्च माह में एश्टोनिया की तरफ से महामारी पर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव लाया गया था। मगर चीन ने रूस और दक्षिण अफ्रीका की मदद से इसमें बाधा डाल दी थी।
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चीन बोला-महामारी, शांति और सुरक्षा पर खतरा नहीं हो सकती
यूएनएससी की कमान 31 मार्च से डॉमिनिकन रिपब्लिक के हाथों में में आ गई है। रूस और साउथ अफ्रीका ने कहा है कि वायरस के फैलने का दुनिया की शांति और सुरक्षा से कोई सीधा संबंध नही है। चीन ने इसके साथ ही यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि सुरक्षा परिषद के अंदर इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कोई जनमत संग्रह नहीं बन पाया है। रूस और साउथ अफ्रीका दोनों ही चीन के करीबी व्यापारिक साझीदार हैं। एस्टोनिया का प्रस्ताव में कोविड-19 महामारी पर पारदर्शिता तय करने की कोशिशों पर था। 10 गैर-अस्थायी सदस्यों वाले यूएनएससी ने अनौपचारिक चर्चा का समर्थन किया है। इस बात की कोई स्पष्ट जानकारी है कि क्या चीन और इसका साथी देश रूस अपने वीटो पावर का प्रयोग करेगा या नहीं।
रूस ने पिछली बार की थी चीन की मदद
माना जा रहा है कि यूएनएससी में वोटिंग और नतीजा पूरी तरह से रूस के रवैये पर निर्भर करेगा। रूस, यूएनएससी के पी5 देशों में शामिल है। पी5 देशों में शामिल अमेरिका, यूके और फ्रांस महामारी का सबसे विकराल रूप देखने को मजबूर हैं। यही हाल बाकी यूरोप का है। पिछले माह एश्टोनिया की तरफ से कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव लाया गया था। चीन ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ब्लॉक कर दिया था कि कोई भी महामारी किसी भी तरह से शांति और सुरक्षा का मुद्दा नहीं हो सकती है। एश्टोनिया के प्रस्ताव में कहा गया था कि महामारी ने दुनिया को एक बड़ी आर्थिक तंगी और गहरे संकट की तरफ धकेल दिया है।