यूरोप में लौटा कोरोना वायरस, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन में सामने आए हजार से ज्यादा मामले
पेरिस। जिस बात की आशंका थी, वह अब सच साबित होने लगी है। यूरोप में फिर से कोरोना वायरस के केसेज आने लगे हैं। यूरोप के कई देशों में दो माह पहले लॉकडाउन को खत्म किया जा चुका है। इसके बाद से लगातार कोरोना के केसेज में इजाफा हो रहा है। जर्मनी, फ्रांस और स्पेन में फिर से कोविड-19 के केसेज में बढ़ोतरी हो रही है। जर्मनी ने अब फिर से यात्रा के लिए कड़े नियम लागू कर दिए हैं। आपको बता दें कि यूरोप कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाला क्षेत्र है।
यह भी पढ़ें-जानिए, उस वैक्सीन की कीमत, जिसे तैयार कर रहा सीरम इंस्टीट्यूट
जर्मनी में मई के बाद सबसे ज्यादा मामले
जर्मनी में बुधवार को 1045 मामले सामने आए हैं। सात मई के बाद से इतनी बड़ी तादाद में कोरोना के मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्फान ने कहा है कि लोग फैमिली पार्टीज, वर्क प्लेन और कम्युनिटी सेंटर में संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। शनिवार से जर्मनी ने अमेरिका जैसे देशों से आने वाले यात्रियों के लिए कुछ नियम तय कर दिए हैं जहां पर खतरा सबसे ज्यादा है। अब जर्मनी आने वाले यात्रियों को पहले कोरोना वायरस टेस्ट कराना होगा। फ्रांस में भी रोजाना मरीजों की तादाद बढ़ रही है। यहां पर बुधवार को 1695 नए केस सामने आए हैं और दो माह में यह आंकड़ा सर्वाधिक है। स्पेन में भी लगातार संक्रमण बढ़ रहा है। यहां पर 1772 नए केस सामने आए हैं।
UK में 50 मिलियन मास्क बेकार
इस बीच यूनाइटेड किंगडम (यूके) में भी सरकार फिर से लॉकडाउन पर विचार कर रही है। सरकार का कहना है कि 50 मिलियन फेस मास्क सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं की वजह से अब प्रयोग में नहीं आ सकते हैं। इन मास्क को महामारी फैलने के समय हेल्थ वर्कर्स के लिए खरीदा गया था। कोर्ट में केस भी फाइल कर दिया गया है और कहा गया है कि मास्क को कान पर लगाना होता है और इस वजह से यह ठीक से फिट नहीं हो सकते हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी का कहना है कि इस समय पूरी दुनिया में 701,027 लोग कोरोना से पीड़ित हैं। दिसंबर 2019 में यह जानलेवा वायरस चीन के वुहान से निकला था। अमेरिका और ब्राजील में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। अमेरिका में अब तक 164,094 लोग मर चुके हैं तो ब्राजील में 99,702 लोगों की जान वायरस की वजह से गई है।