फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल के लिए मांगी एफडीए से इजाजत, दिसंबर तक आ सकता है टीका
नई दिल्ली। बायोनटेक और फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन तैयार करने और इस्तेमाल के लिए अमेरिका के नियामक प्राधिकरण (एफडीए) से इजाजत मांगी है। कंपनी ने कोरोना वायरस वैक्सीन को इमर्जेंसी में इस्तेमाल की इजाजत के लिए एफडीए से आवेदन दिया है। अगर फाइजर को एफडीए से इजाजत मिलती है तो दिसंबर में ये वैक्सीन इस्तेमाल के लिए मिल सकती है। कंपनी ने हाल ही में तीसरे फेज के ट्रायल के कामयाब रहने की बात कही है।
क्रिसमस तक आएगी वैक्सीन!
BioNTech-Pfizer की वैक्सीन को लेकर बायोनटेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगुर साहिन ने हाल ही में कहा है कि अगर सबकुछ सही ये चला है और अच्छा रहा तो वैक्सीन इस साल के क्रिसमस से पहले या उसी के आस-पास लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। साहिन ने बताया कि अगर सबकुछ ठीक हो जाता है तो मैं कल्पना कर सकता हूं कि हम दिसंबर की दूसरी छमाही में अनुमोदन प्राप्त कर सकते हैं और क्रिसमस से पहले वैक्सीन की डिलीवरी शुरू कर पाएंगे।
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95 फीसदी असरदार है वैक्सीन
फाइजर का दावा है कि उसकी कोविड वैक्सीन अंतिम टेस्ट में 95 फीसदी असरदार और सुरक्षित पाया गया है। कंपनी ने थर्ड फेज की स्टडी के बारे में बताया है कि यह सभी प्राथमिक प्रभावकारी मानदंडों पर कारगर साबित हुआ है। इस स्टडी के मुताबिक जिन लोगों को इस वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी, उनपर 28 दिन बाद 95 फीसदी प्रभाव दिखा।
फाइजर ने अपनी वैक्सीन पर चल रहे शोध के तीसरे फेज के बाद कहा है कि हमारी कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट ने सभी प्राथमिक प्रभावकारी मानदंडों को प्राप्त किया है। इस स्टडी में कोविड-19 के 170 कंफर्म केस को शामिल किया गया, वैक्सीन कैंडिडेट BNT162b2 के साथ पहली डोज के 28 दिन बाद उसका प्रभाव प्रदर्शित हुआ।
ओक्सफोर्ड भी बना रही वैक्सीन
दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन तैयार करने की कोशिशें हो रही हैं। कई कंपनियां इसको लेकर अलग-अलग दावें भी कर रही हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक दिन पहले कहा है कि उनकी कोरोना वैक्सीन ने ट्रायल में बुजुर्ग लोगों में भी वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा की है। शुरुआती स्टडी में टीका 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों में भी इम्युन रेस्पांस को बढ़ाने में कामयाब रहा है। खासतौर से उन बूढ़े लोगों में जो कई तरह की गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं, ये टीका इम्युन बनाने में कामयाब रहा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना कर रही है।