कोरोना से पीड़ित 80 साल से ऊपर के मरीजों को नहीं मिलेगा इलाज, इटली में कम पड़ीं स्वास्थ्य सेवाएं
रोम। चीन के बाद यूरोप में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचाकर रख दिया है। इस देश में अब तक 1800 से ज्यादा लोग कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। स्थितियां बेकाबू हो चुकी हैं और अस्पतालों में भी हालात अनियंत्रित हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए ही इटली में अब फैसला किया गया है कि ऐसे मरीज जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है उन्हें इलाज से दूर रखा जाएगा। इटली में एक नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और आगे आने वाले दिनों में इसे लागू करने की योजना है।
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तैयार किया गया प्रस्ताव
इटली में 80 साल और इससे ज्यादा के मरीजों या फिर ऐसे मरीज जिनका स्वास्थ्य बहुत खराब है, उन्हें आईसीयू में एडमिट नहीं किया जाएगा। तूरिन में क्राइसिस मैनेजमेंट यूनिट की तरफ से तैयार डॉक्यूमेंट में यह प्रस्ताव दिया गया है। डॉक्टरों को अब डर है कि ऐसे मरीज जिन्हें गहन चिक्तिसा की जरूरत है, अगर उन्हें सुविधा नहीं मिली तो उनकी मृत्यु हो सकती है। क्राइसिस मैनेजमेंट की तरफ से एक प्रोटोकॉल तैयार किया है। ब्रिटेन के इंग्लिश डेली टेलीग्राफ के मुताबिक जगह की कमी होने पर प्रोटोकॉल के तहत ही तय किया जाएगा कि किस मरीज को आईसीयू में इलाज की जरूरत है और किसे नहीं। इटली के अस्पतालों में आईसीयू की हालत बहुत ही खराब है। वायरस लगातार फैल रहा है और डॉक्टर्स भी परेशान हैं कि क्या किया जाए।
जल्द होगा पूरे इटली में लागू
जो डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है उसे पाइड्मॉन्ट रीहन के सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट की तरफ से पेश किया गया है। इस क्षेत्र पर कोरोना वायरस का असर सबसे ज्यादा है। इस डॉक्यूमेंट के मुताबिक मरीजों को एडमिट करते समय इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि मरीज मे रिकवर करने की क्षमता कितनी है। एक डॉक्टर ने अखबार को बताया है कि कौन जिएगा और कौन मरेगा, अब मरीज की उम्र और उसके स्वास्थ्य पर ही निर्भर करता है। यह बिल्कुल किसी जंग के जैसा है। डॉक्यूमेंट के मुताबिक वर्तमान महामारी के बाद मेडिकल जरूरतों और इनकी प्रभावशीलता में एक असंतुलन पैदा होने की पूरी आशंका है। डॉक्यूमेंट पूरा हो चुका है और अब इसे टेक्निकल-साइंटिफिक कमेटी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इसे अस्पतालों को दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इसे पूरे इटली में लागू किया जाएगा। इटली में करीब 25000 लोग संक्रमित हैं। इटली के पास बस 5090 ही इंटेसिव केयर बेड्स हैं।