कोरोना वायरस: हर 10 व्यक्ति में से एक हो सकता है संक्रमित - डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़ इस अनुमान का मतलब है कि "दुनिया की आबादी का बड़ा हिस्सा ख़तरे में है."
विश्व स्वास्थ्य संगठन लीडर्स की एक विशेष बैठक में संगठन ने कहा है कि हो सकता है कि दुनिया में हर 10 में से एक शख़्स को कोरोना वायरस संक्रमण हुआ हो.
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़ इस अनुमान का मतलब है कि "दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा ख़तरे में है."
अब तक दुनिया के देढ़ सौ से अधिक देशों में 3.5 करोड़ लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. हालांकि डब्ल्यूएचओ का कहना है कि संक्रमण का असल आंकड़ा 80 करोड़ के क़रीब हो सकता है.
विशेषज्ञ लंबे वक्त से कहते आ रहे हैं कि दर्ज किए जा रहे संक्रमण के मामलों की अपेक्षा असल संख्या कहीं अधिक हो सकती है.
डब्ल्यूएचओ की बैठक स्विट्ज़रलैंड के जेनिवा स्थित मुख्यालय में हुई, जिसमें दुनियाभर के देशों के महामारी से निपटने के तरीक़ों पर चर्चा हुई.
कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला बीते साल चीन के वुहान में दर्ज किया गया था. इसके बाद से लेकर अब तक दस महीनों का लंबा वक्त बीत चुका है लेकिन ये महामारी ख़त्म होती नहीं दिख रही.
कुछ देशों में महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद महामारी की दूसरी लहर देखी गई और कुछ देशों में संक्रमितों की संख्या पहले से भी ज़्यादा हो गई है.
डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइक रयान ने अनुमान जताया है कि दुनिया की 10 फीसदी आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है.
उन्होंने कहा, "ये संख्या अलग-अलग देशों के, शहरों और गावों के और अलग-अलग समूहों के आधार पर अलग-अलग है."
"लेकिन इसका मतलब ये है कि दुनिया का एक बड़ा हिस्सा ख़तरे में है. हम जानते हैं कि महामारी बनी रहेगी लेकिन हम ये भी जानते हैं कि हमारे पास इस वक़्त संक्रमण को फैसले से रोकने और ज़िंदगियों को बचाने के तरीक़े हैं."
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रॉस एडहॉनम गीब्रियेसुस ने कहा है कि दुनिया भर के अलग-अलग देशों में वायरस ने अलग-अलग तरीके से असर डाला है और इस महामारी के निपटने के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए.
उन्होंने कहा, "हालांकि सभी देश इस वायरस से प्रभावित हुए हैं, हमें ये याद रखना होगा कि महामारी कहीं कम तो कहीं ज़्यादा असर दिखा रही है. 70 फीसदी मामले और मौतें दस देशों में दर्ज हुए हैं और आधे सिर्फ तीन देशों में."
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक़, वायरस से अब तक 10 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अमरीका, भारत और ब्राज़ील में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले देखने में आए हैं.
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