जल्द आ सकती है कोरोना की वैक्सीन लेकिन सबको नहीं पड़ेगी जरूरत, जानिए आप किस लिस्ट में हैं
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का आतंक दुनिया भर में जारी है। दुनिया में कोरोना से अबतक 1 करोड़ 8 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 5 लाख 19 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इस जानलेवा संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी इसके वैक्सीन बनाने को लेकर दिन-रात जुटी हुई है। ऑक्सफोर्ड को इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और कोरोना महामारी विशेषज्ञ सुनेत्रा गुप्ता ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाना अपेक्षाकृत आसान है और जल्द ही यह लोगों के लिए उपलब्ध होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सब लोगों को वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इन लोगों को नहीं है इस वायरस से डरने की जरूरत
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए गुप्ता ने कहा, "आमतौर पर स्वस्थ लोग, जो बुजुर्ग नहीं, कमजोर नहीं हैं और जिन्हें कोई बीमारियां नहीं है, उन्हें इस वायरस से डरने की कोई जरूरत नहीं है। यह फ्लू की तरह ही होगा।"
इन्हें होगी वैक्सीन की जरूरत
सुनेत्रा गुप्ता ने कहा कि जब वैक्सीन आएगी तो इससे सबसे पहले कमजोर और खतरे का सामना कर रहे लोगों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। बाकी लोगों को वायरस की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सुनेत्रा गुप्ता ने कहा कि उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस महामारी प्राकृतिक रूप से खत्म होगी यह इन्फ्लूएंजा की तरह लोगों के जीवन का हिस्सा बन जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे मरने वालों की संख्या इंफ्लूएंजा से कम रहेगी।
लॉकडाउन नहीं है वायरस को लंबे समय तक रोकने में कारगर
लॉकडाउन के बारे में बात करते हुए गुप्ता ने कहा कि यह समझदारी भरा कदम हो सकता है, लेकिन लंबे समय तक वायरस को रोकने के लिए यह कारगर नहीं है। कुछ देश लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू करने में सफल हुए, लेकिन अब वहां संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। साथ ही गुप्ता ने कहा कि जिसे दूसरी लहर कहा जा रहा है, वह वास्तव में पहली लहर ही अलग-अलग जगहों पर पहुंच रही है।
इस कंपनी ने वैक्सीन का मनुष्यों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया
जर्मन जैव तकनीक और अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने संयुक्त रूप से कोरोना वायरस के लिए एक टीका विकसित किया है। इन कंपनियों ने मनुष्यों में वायरस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। महामारी को मिटाने के लिए, 17 कंपनियां टीके विकसित कर रही हैं, जिसमें जर्मनी के BioNTech और Pfizer के नवीनतम टीके बेहतर परिणाम दे रहे हैं। Bioin Tech Company ने इस वैक्सीन BNT162b1 को 24 स्वयंसेवकों को दो खुराक में दिया है। 28 दिनों के बाद, वायरस से संक्रमित लोगों की तुलना में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी अधिक शक्तिशाली पाए गए। बायो-टेक के सीईओ इगोर साहिन ने कहा कि शुरू में यह साबित हो गया था कि वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दे सकता है।