कोरोना: ब्रिटेन में अब शायद ही लगे लॉकडाउन, कैसे पलटी तस्वीर?
ब्रिटेन में कोरोना की दूसरी लहर से चिंता की लकीर पैदा हो गई थी. मगर अब वहाँ सबकुछ पटरी पर लौटता दिखाई दे रहा है. कैसे हुआ ये कारनामा?
भारत में जहाँ एक बार फिर पूरे देश में लॉकडाउन लगाने की बातें उठ रही हैं वहीं ब्रिटेन महामारी पर लगभग क़ाबू पाने की ओर बढ़ रहा है.
देश के मुख्य वैज्ञानिक ने कहा है कि ब्रिटेन में फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की संभावना बेहद कम है. प्रोफ़ेसर नील फ़र्गसन की बनाई योजना के तहत ही ब्रिटेन में पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था.
प्रोफ़ेसर फ़र्गसन ने बीबीसी से कहा कि ब्रिटेन 'अब महामारी से बाहर निकलने की ओर बढ़ रहा है.'
प्रोफ़ेसर फ़र्गसन ने कहा,"वैसे अगर वायरस का कोई ऐसा वेरिएंट सामने आया जिस पर वैक्सीन कारगर नहीं रही तो आम लोगों की कुछ गतिविधियों पर ज़रूर रोक लग सकती है."
सरकार के मंत्रियों का भी कहना है कि अगर डेटा पक्ष में रहे तो आने वाले दिनों में लॉकडाउन में और भी ढील दी जा सकती है.
मंगलवार को सरकारी डैशबोर्ड के मुताबिक पूरे ब्रिटेन में 1,946 नए कोरोना संक्रमण सामने आए और बीते 28 दिनों में चार मौतें हुईं हैं.
अब तक पूरे ब्रिटेन में 5 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन की जा चुकी है. 34,667,904 को पहली खुराक़ मिल चुकी है और 15,630,007 लोगों को दूसरी खुराक़ भी दी जा चुकी है.
लॉकडाउन में ढील
माना जा रहा है कि 17 मई तक इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में लॉकडाउन में और भी ढील दी जा सकती है. वहीं उत्तरी आयरलैंड में 24 मई तक कई प्रतिबंधों को हटाया जा सकता है.
संक्रमण से होने वाली बीमारियों के जानकार प्रोफ़ेसर फर्ग्युसन ब्रितानी सरकार की वायरस से जुड़े एक एडवाइज़री समूह का हिस्सा हैं. वह कहते हैं कि कोविड के घटते मामले और मौतों के आंकड़े काफ़ी राहत देने वाले हैं.
बीबीसी के स्वास्थ्य मामलों के संपादक ह्यू पिम से उन्होंने कहा कि ''देश में एक और लॉकडाउन नहीं लग सकता. हाल ही महीनों में इसे लेकर उम्मीद और बढ़ी है.''
'' अगर गर्मियों-पतझड़ तक वायरस का कोई नया वेरिएंट भी आता है जो वैक्सीन के चक्र को तोड़ने में कामयाब हो जाता है तो हम लॉकडाउन के कुछ नियमों को दोबारा लागू कर सकते हैं जब तक हम लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और ना बढ़ा लिया जाए. ''
'' मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा, मेरा मानना है कि अब हम इस महामारी की स्थिरता पर पहुंच चुके हैं, कम से कम ब्रिटेन के बारे में मैं ये कह सकता हूं.''
विदेश यात्राएँ हो सकती हैं शुरू
प्रोफ़ेसर फ़र्गसन का कहना है कि इस वायरस पर 'बड़ी संजीदगी' से नज़र रखने की ज़रूरत है, लेकिन ब्रिटेन ने 'एक बुरा दौर' जनवरी में देख लिया है अब हम उसके मुकाबले 'अच्छे दौर' में है.
वह कहते हैं गर्मियों की शुरूआत तक लोगों की जिंदगी काफ़ी हद तक दोबारा पटरी पर आ सकेगी, हालांकि वह इस बात पर संशय जताते हुए कहते हैं कि ये देखना होगा की गर्मियों में विदेशों में छुट्टियों के लिए जाना कितना संभव होगा.
वह बताते हैं, '' प्रतिबंध बेहद कम होंगे, हालांकि ये पूरी तरह खत्म कर दिए जाएंगे ये कहना अभी थोड़ी जल्दबाज़ी होगी. ''
सोमवार को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बात के संकेत दिए कि 17 मई से इंग्लैंड के लोगों के लिए विदेशी यात्राएं दोबारा शुरू की जा सकती है लेकिन इसके लिए 'नियम काफ़ी कड़े' होंगे.
ब्रिटेन में विदेश यात्राओं पर फिलहाल रोक है लेकिन आने वाले वक्त में ट्रैफ़िक लाइट के तर्ज पर देशों को रंग दिए जाएंगे जो बताएँगे कि कहां यात्रा करना उचित होगा. जैसे हरे, पीले और लाल रंग.
इससे जुड़ी जानकारियां आने वाले दिनों में साझा की जा सकती है, सरकार ने कहा था की मई की शुरूआत में देशों को किस कैटेगरी में विभाजित किया जा रहा है ये तय होगा.
इसके अलावा बोरिस जॉनसन ये भी कह चुके हैं कि संभव है 21 जून से एक मीटर की दूरी वाला सोशल डिस्टेंसिंग का नियम भी ख़त्म कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन का असर अब महामारी पर दिखना शुरू हो चुका है- लेकिन जो भी बदलाव किए जाएंगे वो डेटा पर आधारित होंगे.
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