कोरोना: इटली का माफ़िया इस महामारी से करोड़ों रुपये कमाने की फ़िराक़ में
कोरोना वायरस से दुनिया भर में लाखों लोगों की जान चली गई है. वहीं, इटली का माफ़िया इस महामारी से करोड़ों रुपए कमाने की फ़िराक़ में है. इटली के अधिकारी लगातार ये चेतावनी दे रहे हैं कि इस महामारी में ऐसे बहुत से ज़रूरतमंद लोग हैं, जिनके पास इटली के माफ़िया द्वारा दिए जा रहे मदद के प्रस्ताव को मंज़ूर करने के सिवा कोई और चारा नहीं है.
(पहचान छुपाने के लिए कुछ लोगों के नाम बदल दिए गए हैं)
कोरोना वायरस से दुनिया भर में लाखों लोगों की जान चली गई है. वहीं, इटली का माफ़िया इस महामारी से करोड़ों रुपए कमाने की फ़िराक़ में है. इटली के अधिकारी लगातार ये चेतावनी दे रहे हैं कि इस महामारी में ऐसे बहुत से ज़रूरतमंद लोग हैं, जिनके पास इटली के माफ़िया द्वारा दिए जा रहे मदद के प्रस्ताव को मंज़ूर करने के सिवा कोई और चारा नहीं है.
इटली के बदनाम कोसा नोस्त्रा संगठित अपराध समूह के एक डॉन का भाई हाल ही में सिसली द्वीप के पालेरमो में ग़रीबों के बीच सामान बांटते देखा गया था.
जब मैंने माफ़िया डॉन के उस भाई से सोशल मीडिया के ज़रिए संपर्क किया, तो उसने मुझसे कहा कि, 'मैं लोगों की मदद इसलिए कर रहा हूं क्योंकि लोग मुझे फ़ोन करके अपना दुखड़ा सुनाते हैं. वो कहते हैं कि उनके बच्चों के खाने के लिए भी सामान नहीं है. एक जवान महिला मुझे हर रोज़ फ़ोन कर रही है. उसके पाँच बच्चे हैं और उसके पास अपने बच्चों के पेट भरने का कोई ज़रिया नहीं है.'
ग़रीबों की मदद कर रहे डॉन के इस भाई ने कहा कि अगर माफ़िया होने का मतलब लोगों की मदद करना है, तो उसे "माफ़िया डॉन होने पर ग़र्व है."
एक दिलकश मसीहा
सिसली के एक पूर्व माफ़िया डॉन गैस्पेयर मुतोलो ने हमें बताया कि, 'कभी हम भी ठीक इसी तरह लोगों की मदद किया करते थे.' गैस्पेयर अब सिसली के माफ़िया गैंग के ख़िलाफ़ दर्जनों मामलों में वायदा माफ़ गवाह बन चुका है.
गैस्पेयर ने अपने दौर के बारे में बताया, "मैं हमेशा लोगों को लुभाने की कोशिश करता था. मैं ख़ुद को एक दिलदार इंसान के तौर पर पेश करता था. माफ़िया गैंग, लोगों के दिलों में जगह बनाने के लिए ऐसे हथकंडे आज़माते हैं. तो मैं ने भी कभी अपनी हक़ीक़त लोगों को नहीं बताई. लेकिन, याद रखिए कि मैं एक अपराधी था, जिसने बीस से ज़्यादा लोगों का क़त्ल किया था."
गैस्पेयर मुतोलो ने बीबीसी से अपने एक ख़ुफ़िया ठिकाने से बात की. वो इस ख़ुफ़िया ठिकाने पर पुलिस की निगरानी में रह रहा है और अपने दिन पेंटिंग करके गुज़ार रहा है. उसकी तस्वीरों में अक्सर माफ़िया को आम जनता पर अपना शिकंजा कसते हुए दिखाया जाता है.
गैस्पेयर मुतोलो ने ज़ोर देकर कहा कि, उसने जब भी ज़रूरतमंद परिवारों की मदद की, तो उन्हें ये जानने में कत्तई दिलचस्पी नहीं होती थी कि वो कौन है. गैस्पेयर का कहना है कि, "जब आपके बच्चे भूख से बिलबिला रहे हों, क्योंकि घर में कुछ भी खाने को नहीं है, या फिर आपका कारोबार दिवालिया होने वाला हो, तो आपको बस मदद की दरकार होती है. फिर आप ये नहीं देखते कि ये मदद करने वाला सही इंसान है या ग़लत. उस वक़्त को आपको ख़ुद को बचाने की फ़िक्र सवार होती है, बस."
पुराने हथकंडे
ज़रूरतमंद लोगों के बीच खाना बांटने का हथकंडा उतना ही पुराना है, जितना पुराना माफ़िया गिरोहों का इतिहास.
माफ़िया गिरोहों की जांच करने वाले और कातानज़ारो शहर के सरकारी वक़ील के दफ़्तर की प्रमुख निकोला ग्रात्तेरी कहती हैं कि, "असल में ये संगठित अपराधी गिरोह, ग़रीबों की मदद करने के नाम पर अपनी विश्वसनीयता बहाल करने की कोशिश करते हैं. वो ये जताते हैं कि जब सरकार भी ग़रीबों की मदद में नाकाम रही थी, तो वो काम आए थे."
निकोला का कहना है कि किसी भी माफ़िया समूह की सबसे बड़ी ताक़त होती है, स्थानीय स्तर पर समर्थन. जहां से वो अपना धंधा आसानी से चला सकें.
निकोला ग्रात्तेरी कहती हैं कि, "कोरोना वायरस के इस संकट के दौरान, माफ़िया गिरोह लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए और अधिक प्रयास करेंगे."
लेकिन, किसी माफ़िया गिरोह से छोटी से छोटी मदद लेना भी बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता है.
एक माफ़िया विरोधी संगठन के लिए काम करने वाली एनज़ा रैंडो लोगों को इससे सावधान रहने की सलाह देती हैं.
एनज़ा का कहना है,"माफ़िया डॉन इतने दिलदार नहीं हैं कि वो लोगों की बिना मक़सद ही कोई मदद कर दें. उनके लिए बिना किसी लाभ के एक पैसे ख़र्च करने का सवाल ही नहीं पैदा होता है. उन्हें तो बस एक ही नुस्खा पता है-इस हाथ ले और उस हाथ दे. यानी अगर आज वो तुम्हारी मुसीबत में तुम्हारे काम आ रहे हैं, तो कल को तुम्हें उनके हितों का ध्यान रखना होगा."
तबाही के कगार पर खड़े लोग
मार्सेलो (बदला हुआ नाम), एक रेस्टोरेंट के मालिक हैं, जो पालेरमो शहर में है. उनका रेस्टोरेंट मार्च महीने से ही बंद चल रहा है. मार्सेलो कहते हैं कि, "मुझे बस उस रोज़ का इंतज़ार है, जब कोई माफ़िया डॉन मेरे पास आएगा और मुझसे मेरा रेस्टोरेंट ख़रीद लेगा. क्योंकि मुझे ये बात तो पक्के तौर पर पता है कि अब मैं अपना रेस्टोरेंट दोबारा नहीं खोल पाउंगा."
मार्सेलो के मुताबिक़, उनके शहर में ये बड़ा सीधा और सपाट सौदा है. कोई भी आपके दरवाज़े पर दस्तक देता है और वहीं पर खड़े खड़े आपकी संपत्ति ख़रीदने का प्रस्ताव रखता है. आप उसी समय अपनी संपत्ति के लिए मोल भाव करते हैं. फिर कोई अन्य व्यक्ति, इस सौदे की रक़म का एक हिस्सा आपके खाते में ट्रांसफर कर देता है. बाक़ी का पैसा आपको नक़द दिया जाता है. और यही ऐसे सौदों की सबसे ललचाने वाली बात होती है.
मार्सेलो कहते हैं कि, "मेरे पास अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है, तो मेरे लिए उसे ठुकरा पाना बहुत मुश्किल होगा. अभी तो मेरा कारोबार डूब रहा है. और जब किसी डूबते हुए इंसान को तिनके का सहारा मिलता है, तो आपको तुरंत ये तय करना होता है कि आप अपने आदर्शों के साथ डूब जाएं, या फिर उस सहारे को पकड़ कर ख़ुद को बचा लें."
शुरुआत में तो इस मदद के बदले में माफ़िया गिरोह कुछ नहीं मांगते हैं. लेकिन, ये ऐसी मदद होती है, जिसका क़र्ज़ आपको कभी न कभी चुकाना ही होता है. पूर्व माफिया डॉन गैस्पेयर मुतोलो कहते हैं कि समय आने पर, माफ़िया गिरोह के सदस्य आपसे ये क़र्ज़ वसूलने ज़रूर आते हैं.
अपने दौर के बारे में गैस्पेयर मुतोलो बताते हैं कि जब स्थानीय चुनाव होने वाले होते थे, तो वो उन लोगों के पास जाया करते थे, जिनकी उन्होंने पहले कभी मदद की होती थी. और उनसे कहते थे कि, "मुझे पहचाना? मैंने तब तुम्हारी मदद की थी, जब तुम्हें इसकी सख़्त ज़रूरत थी. अब मुझे तुम्हारी मदद की ज़रूरत है. और मैं बस इतना चाहता हूं कि तुम अपना वोट फलां उम्मीदवार को दे दो."
सिसली में इस प्रचलन को 'वोटों की ख़रीदारी' कहते हैं.
क़र्ज़ बांटने के माफ़िया
इटली के माफ़िया संगठनों को हमेशा किसी न किसी वैश्विक संकट का इंतज़ार रहता है, ताकि वो इसका फ़ायदा उठा सकें. नए कोरोना वायरस की महामारी उनके लिए ऐसा अवसर ले कर आई है, जिसे वो किसी भी क़ीमत पर हाथ से नहीं जाने देना चाहते हैं.
गैस्पेयर मुतोलो कहते हैं कि, "माफ़िया सरदारों के पास पैसे की कभी कोई कमी नहीं होती. जहां तक ज़रूरतमंद लोगों की मदद का सवाल है, तो माफ़िया डॉन अक्सर सरकार के मुक़ाबले लोगों का ख़याल रखने में हमेशा ज़्यादा फ़ुर्ती दिखाते हैं."
और, एंतोनियो और उनकी पत्नी फ्रांसेस्का (बदले हुए नाम) के साथ ठीक यही हुआ था. ये पति-पत्नी मिल कर एक क़साई की दुकान चलाते हैं. जो दक्षिणी इटली के एपुलिया क़स्बे में स्थित है.
कुछ दिनों पहले की बात है. उनके यहां से नियमित रूप से मांस लेने वाला एक ग्राहक उनके पास आया और उन्हें मदद करने के नाम पर नक़द पैसे देने का प्रस्ताव रखा. उस आदमी को पता नहीं कैसे ये मालूम हो गया था कि लॉकडाउन के कारण, एंतोनियो और उनकी पत्नी का धंधा ठीक नहीं चल रहा है.
एंतोनियो ने हमें बताया कि, "हमने एक दूसरे की ओर देखा और आंखों ही आंखों में हम समझ गए कि ये व्यक्ति किसी माफ़िया गिरोह से जुड़ा है. हमारे दिल बैठ गए. हमें अच्छे से इस बात का एहसास था कि मदद के उसके प्रस्ताव को स्वीकार करना कितना ख़तरनाक हो सकता था."
एंतोनियो और फ्रांसेस्का ने मदद के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
ब्याज पर क़र्ज़ बांटना, इटली के माफ़िया गिरोहों का मुख्य धंधा है. वो बहुत कम ब्याज दरों पर लोगों को क़र्ज़ देते हैं. लेकिन, निकोला ग्रात्तेरी कहती हैं कि जल्द ही ये मददगार मसीहा अपना असली रंग दिखाना शुरू कर देते हैं.
वो बताती हैं, "और फिर क़र्ज़ लेने वाले की मुश्किलें धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं. माफ़िया का मक़सद ऐसे क़र्ज़ की मदद से पैसे कमाना नहीं होता. बल्कि, वो क़र्ज़ के नाम पर लोगों के काम धंधों पर कब्ज़ा जमा लेते हैं, फिर उसकी मदद से अपनी काली कमाई को सफ़ेद बनाने का काम करते हैं."
वापसी का कोई रास्ता नहीं होता
इटली में जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, तब से ऐसे क़र्ज़ माफ़िया से पीड़ित लोगों की मदद करने वाली हेल्पलाइन पर मदद मांगने वालों की संख्या दोगुने से भी अधिक हो गई है. ख़ास तौर से छोटे मोटे धंधे करके अपनी जीविका चलाने वालों के मदद मांगने की घटनाएं तो बहुत बढ़ गई हैं.
हेल्पलाइन के लिए काम करने वाले एत्तीलियो साइमियोन कहते हैं कि, "अगर इटली की सरकार लोगों की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है, तो वो माफ़िया के शिकंजे में फंसने के लिए मजबूर होंगे."
अब जबकि दुनिया के सामने पिछली सदी की महान मंदी जैसा भयंकर आर्थिक संकट खड़ा है. कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन के कारण इटली की जीडीपी में 9.1 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में इटली के बहुत से नागरिकों की हालत बेहद ख़राब हो जाएगी.
एनज़ा रैंडो कहती हैं कि, "ये इटली की माफ़िया के लिए आम जनता पर अपना शिकंजा कसने का सुनहरा अवसर होगा. अभी का समय बेहद महत्वपूर्ण है."
माफ़िया के ख़िलाफ़ काम करने वाले एनज़ा जैसे अन्य अनुभवी लोग इटली की सरकार से अपील कर रहे हैं कि वो आम लोगों और कारोबारियों की मदद के लिए धन उपलब्ध कराए. वरना, सरकार की जगह माफ़िया लोगों की नक़द पैसे से मदद करके उन्हें अपने बस में कर लेगा.
बहुत देर से हुई मामूली सी मदद
इटली की सरकार ने कहा है कि वो ज़रूरतमंद कारोबारियों को 25 हज़ार यूरो तक की मदद देगी. लेकिन, मार्सेलो का सरकार से मदद लेने का कोई इरादा नहीं है.
मार्सेलो कहते हैं कि, "ये क़र्ज़ चुका पाना लगभग नामुमकिन होगा. जिन दुकानों को भी खोलने की इजाज़त मिलेगी, उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना पड़ेगा. इसका मतलब ये होगा कि आपके ग्राहकों की संख्या घट जाएगी. और आपकी आमदनी कम हो जाएगी."
मार्सेलो कहते हैं कि उनके जैसे सारे रेस्टोरेंट मालिकों को यही लगता है. रेस्टोरेंट मालिकों को लगता है कि अपना धंधा, माफ़िया गिरोहों के हाथ नक़द बेच लेना ज़्यादा समझदारी भरा फ़ैसला होगा. इसमें कोई सवाल जवाब नहीं होगा.
वो कहते हैं कि, "मुझे लगता है कि मैं बुरी तरह नाकाम रहा हूं. मैं ने हमेशा माफ़िया गिरोहों की आलोचना की है. और आज मैं अपने हर विश्वास को ख़ुद ही तोड़ने जा रहा हूं. अपने हर सिद्धांत से समझौता करने जा रहा हूं."