अमेरिका के लिए 9/11 से ज्यादा खतरनाक साबित हुआ कोरोना वायरस, आतंकी हमलों में भी नहीं हुई थी इतनी मौतें
वॉशिंगटन।
कोरोना
वायरस
के
साथ
ही
अमेरिका
के
साथ
ही
लोग
अब
9/11
के
बारे
में
सर्च
करने
लगे
हैं।
अमेरिका
में
कोरोना
वायरस
से
होने
वाली
मौतों
का
आंकड़ा
3,400
पहुंच
गया
है।
देश
में
कुल
मरीजों
की
संख्या
करीब
175,000
पहुंच
गई
है।
यही
वजह
है
कि
अब
सितंबर
2001
में
अमेरिका
पर
हुआ
आतंकी
हमला
सर्च
किया
जा
रहा
है।
बुधवार
को
कोविड-19
की
वजह
से
अमेरिका
में
मौतो
का
जो
नया
आंकड़ा
आया
है
वह
19
साल
पहले
दुनिया
पर
हुए
सबसे
बड़े
आतंकी
हमले
में
मारे
गए
लोगों
से
ज्यादा
है।
9/11
आतंकी
हमले
में
3000
अमेरिकी
मारे
गए
थे।
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अलकायदा से खतरनाक कोविड-19
11 सितंबर 2001 को अमेरिका को अल कायदा के आतंकियों ने निशाना बनाया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन के अलावा पेंसिलवेनिया के शैंक्सविले में हाइजैक प्लेन को क्रैश करा दिया गया था। इस डरावने हमले में 3000 लोगों की मौत हो गई थी। आज भी इसके जख्म लोगों के दिलों पर ताजा हैं। सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स की मानें तो अब कोविड-19 की वजह से 3000 से ज्यादा लोगों की मौत ने आतंकी हमले को भी कमजोर कर दिया है। अमेरिका में जनवरी माह से ही कोरोना का संक्रमण और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी साफ कर दिया है अगले दो हफ्ते अमेरिकी नागरिकों के लिए दर्दभरे होने वाले हैं। उस हमले ने भी न्यूयॉर्क को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया था। कोरोना के हमले ने भी इस शहर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।
डॉक्टर भी बोले 9/11 कुछ भी नहीं था
9/11 में आतंकियों ने न्यूयॉर्क शहर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया था। अब दो दशकों के अंदर ही शहर इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी को झेल रहा है। अमेरिकी अस्पताल में आईसीयू स्पेशिलिस्ट के तौर पर काम करने वाले स्टीवन कासापिडीस का कहना है, '9/11 इस महामारी के आगे कुछ नहीं था। आज के हालात नरक की तरह है।' उन्होंने बताया कि जिस समय 9/11 हुआ था उस समय वह और साथी डॉक्टर ऐसे मरीजों का इंतजार कर रहे थे जो कभी अस्पताल तक पहुंच ही नहीं पाए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही एक झटके में हजारों लोगों की मौत हो गई थी। मगर आज की स्थिति यह है कि अस्पताल में मरीजों का आना बंद ही नहीं हो रहा है।
आतंकी हमले के बाद पहली बार शिप पहुंची मैनहैट्टन
सिर्फ इतना ही नहीं अमेरिकी नेवी की शिप कम्फर्ट जो नौसेना की हॉस्पिटल शिप के तौर पर जानी जाती है, मैनहैट्टन में ही है। यह जहाज भी 9/11 हमलों के बाद इन हालातों में मैनहैट्टन पहुंचा है। अमेरिकी मीडिया का कहना है कि 9/11 हमलों के समय तत्कालीन राष्ट्रपति जॉज डब्लू बुश ने कई इंटेलीजेंस के बाद भी इस बात को मानने से इनकार कर दिया था कि अल कायदा इतने बड़े स्तर पर किसी आतंकी हमले की साजिश रच रहा है। उसी तरह से आज के राष्ट्रपति ट्रंप ने भी सरकारी एजेंसियों की इस बात को मानने से इनकार कर दिया था अमेरिका इस महामारी से निपटने के लिए तैयार नहीं है।
दो लाख तक के मारे जाने की आशंका
ट्रंप प्रशासन में टॉप हेल्थ ऑफिसर्स जिसमे डॉक्टर एंथोनी फाउसी भी शामिल हैं, उन्होंने आशंका जताई है कि वायरस की वजह से एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। वहीं यह भी कहा गया है कि जब तक संकट खत्म होगा तब तक यह आंकड़ा दो लाख को पार कर जाएगा। डॉक्टर फाउसी के मुताबिक अगर हर अमेरिकी सही तरह से आगे बढ़ेगा तो ही इस पर कुछ कंट्रोल हो सकता है। ट्रंप खुद भी इस बात को कह चुके हैं कि अगर मौतों का आंकड़ा एक लाख तक ही रहा तो मान लेना चाहिए कि हमनें अपना काम सही से किया है।