Coronavirus: मदद के गुहार लगा रहे चीन में फंसे पाकिस्तानी, मदद नही कर रही पाक सरकार, राष्ट्रपति दे रहे ये उपदेश
Coronavirus disease Pakistan will not help their citizens, Pak President conveyed Prophet's lesson. कोरोनावायरस के बीच वुहान में पाकिस्तान के फसे छात्र मदद मांग रहे लेकिन पाक सरकार उनकी मदद नहीं कर रही। राष्ट्रपति उन्हें दे रहे पैंगबर का ये संदेश।
बेंगलुरु। चीन में भयावह रुप ले चुके कोरोना वायरस का प्रकोप भारत-अमेरिका समेत दुनिया के अन्य कई देशों तक फैल चुका है। भारत जहां चीन के वुहान में फंसे भारतवासियों जिनमें अधिकांश छात्र हैं उन्हें सुरक्षित वापस बुलाना शुरु कर दिया है और दुनिया भर के देश चीन में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए उन्हें वहां से निकालने की कोशिशें कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों के लिए बिलकुल चितिंत नजर नही आ रहा है। वह चीन में फंसे पाकिस्तानियों की कुर्बानी देने को तैयार बैठा है।
पाकिस्तानी छात्र मांग रहे मदद, पाक सरकार को नहीं आ रहा रहम
बता दें कोरोराय वायरस से फैले संक्रमण से मरने वालों की संख्या 300 पार कर चुकी है वहीं अब तक 14 हजार से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से कई पाकिस्तानी नागरिक हैं। वहां अभी भी सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तानी नागरिक फंसे हुए है। जो लगातार सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार से खुद को सुरक्षित निकालने की अपील करते हुए गिड़गिड़ा रहे हैं। कुछ छात्र ट्वीट कर रहे तो कई पाकिस्तानियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड वहां से सुरक्षित निकालने के रहम की भीख मांग रहे हैं। इसके बाजवूद पाकिस्तान सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। वहीं पाकिस्तान का खास मित्र चीन भी पाकिस्तानियों के इलाज और उन्हें संक्रामण से बचाने के लिए कोई सुविधा मुहैय्या नही करा रही है।
इमरान खान की बंधी है घिघ्घी
महत्वपूर्ण बात ये कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जो कश्मीर में रहने वाले मुसलमानों की पैरवी के लिए दुनिया के सबसे बड़े मानवधिकार संगठन में पहुंच गए थे वो इमरान सरकार चीन में कोरोना वायरस के कारण मौत के खौफ में जी रहे पाकिस्तानियों की सुध भी नहीं ले रहा। अपने ही देश के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर उसकी घिघ्घी बंधी हुई है। इस मामले में पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने जो प्रतिक्रिया व्यक्त की वो उसने तो सारी हदें ही पार कर दी।
मदद करने के बजाय दे रहे पैगंबर का उपदेश
चीन के वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान सरकार से जब रहम की भीख मांग कर मदद की गुहार लगायी तो इसका पता पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने उनकी मदद के लिए कोई कदम उठाए जाने के बजाय वह मोहम्मद पैगंबर का संदेश भेजने वाले मैसेंजर बन गए । उन्होंने ट्वीट किया- किसी भी बीमारी के फैलने पर पैगंबर के निर्देश आज भी सही साबित होते हैं। अगर आपको पता चले कि कहीं पर प्लेग फैला है तो वहां बिल्कुल मत जाइए, लेकिन अगर आपकी अपनी ही जमीन पर प्लेग फैले तो उस जगह को छोड़कर कहीं मत जाइए। उन्होंने एक लिख कर यह बात साफ कर दी है कि वह मदद नहीं करेंगे, पाकिस्तानी नागरिकों को नहीं निकालेंगे..।
अधिकारी ने कहा मौत तो एक न एक दिन आनी ही है, यहां आए या वहां आए
आरिफ अल्वी के ट्वीट पर एक पाकिस्तानी नागरिक ने ट्वीट किया है कि हदीस के बारे में क्या कहेंगे, जो कहता है कि जब भी कहीं जिंदगी बचाने का कोई विकल्प दिखे तो उसे बचाएं। हमें यहां मरने के लिए मत छोड़ें। दुनिया के और भी मुस्लिम देश हैं, जैसे जॉर्डन और सऊदी अरब, जो अपने लोगों को यहां से निकाल रहे हैं। मुझे लगा रहा है कि यहां मानवता को ध्यान में रखने की जरूरत है। वहीं दूसरे पाकिस्तानी नागरिक ने संदेश भेजा कि इतने बुरे फंसे हैं कि उनकी मदद को कोई तैयार नहीं। पाकिस्तान बोला चीन से बात करो, चीन बोले पाकिस्तानी दूतावास जाओ, पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि मौत तो एक न एक दिन आनी ही है, यहां आए या वहां आए। मतलब हद है...
मानवधिकार की दे रहे लोग दुहाई
पाक राष्ट्रपति के इस उपदेश पर मानवाधिकार की सामाजिक कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने आरिफ अल्वी आगबबूला हो गयी।. उन्होंने कहा वुहान में फंसे हमारे देश के नौजवान मदद की गुहार लगा रहे और पाकिस्तान के राष्ट्रपति धर्म का इस्तेमाल करते हुए कह कहे हैं कि पाकिस्तान उनकी मदद नहीं करेगा। गुलालाई ने लिखा है कि इन स्टूडेंट्स पर थोड़ी दया दिखाओ और उनके लिए एक प्लेन भेजकर उन्हें वापस उनके घर लाओ। राष्ट्रपति के इस बयान पर इस्माइल के अलावा अन्य सामाजिक कार्यकताओं ने भी जमकर निंदा कर रहे हैं और छात्रों की मदद करने के लिए गुहार लगा रहे हैं।
पाकिस्तान सरकार को गालियां दे रहे पाक नागरिक
वुहान में रह रहे कुछ पाकिस्तानी भी इसके शिकार हो चुके हैं, वहां फंसे पाकिस्तानी गिड़गिड़ा रहे लेकिन पाकिस्तान उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं कर रहा है। वहीं वुहान में फंसे भारतीयों को पिछले तीन दिनों से मोदी सरकार द्वारा निकाला जा रहा है और जो वहां पर फंसे पाकिस्तानी छात्र भी देख रहे हैं। अपने देश पाकिस्तान का उनके प्रति ये रवैय्या देख कर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। अब तो चीन में फंसे पाकिस्तानी भी पाकिस्तान को कोस रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत से कुछ सीखो। वो पाकिस्तान सरकार को गालियां दे रहे हैं।
धर्म की कट्टरता में डूबे पाक की क्या मर चुकी है इंसानियत
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी मौत के मुहाने पर खड़े लोगों को पैगंबर का संदेश दे रहे उनकी इंसानियत ही मर चुकी हैं। राष्ट्रपति ही नहीं धर्म की कट्टरता में पाकिस्तानी नागरिक भी इतने अंधे हो चुके है कि वो भी इंसानियत भूल चुके हैं। वुहान में फंसे अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित वहां से निकालने की गुहार लगाने के बजाय वो ट्विटर पर चीन में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों को ही कोस रहे हैं। एक शख्स ने ट्वीट किया कि क्या तुम लोग ये चाहते हो कि ये वायरल पाकिस्तान में भी लाखों को संक्रमित कर दे?
पाक नागरिकों को अब इससे लेना चाहिए सबक
आपको याद हो तो दुनिया भर में इस्लाम का सबसे बड़ा रखवाला बनने वाला पाकिस्तान पहली बार ऐसा नहीं कर रहा। याद हो तो इसके पहले कारगिल युद्ध उसके बाद भारत पाक सीमा पर मारे गए पाक जवानों के शव तक इनकार कर चुका हैं। पाकिस्तान सरकार के लिए उसके जवान हो या वहां के नागरिक उनके लिए उसकी कोई संवेदना नहीं है। जिस पाक सरकार की एक आवाज पर पाकिस्तानी युवा मरने-मारने को आमदा हो जाते हैं कम से कम उन्हें, अब पाकिस्तान का ये रवैय्या उन पाक नागरिकों की आंखे खोले और पाक सरकार के इस्लाम के नाम पर किए जा रहे फरेब में आकर अपना भविष्य न बरबाद करें।
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