भारत में जन्मीं मिस इंग्लैंड भाषा मुखर्जी ने उतारा ताज, डॉक्टर का कोट पहन जुटीं कोरोना मरीजों के इलाज में
लंदन। कोरोना वायरस से दिन पर दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कुछ देशों के राष्ट्राध्यक्षों से लेकर कई बड़ी हस्तियां इसकी चपेट में हैं। यूनाइटेड किंगडम (यूके) में हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अस्पताल में है तो प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना पॉजिटिव हैं। इन सबके बीच भारतीय मूल की मिस इंग्लैंड ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो वाकई कई लोगों को प्रभावित करने वाली है। साल 2019 की मिस इंग्लैंड भाषा मुखर्जी को जब पता लगा कि जिस देश में पली बढ़ी हैं तो वह खुद को रोक नहीं पाईं और ड्यूटी पर वापस आ गईं।
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भाषा को आई देश की याद
यूके में कोरोना वायरस के अब तक 55,242 केस आए हैं और 6,159 लोगों की मौत हो चुकी है। डॉक्टर भाषा मुखर्जी चैरिटी वर्क के चलते भारत आई हुईं थीं। ताज जीतने के बाद वह मिस इंग्लैंड के तौर पर अपनी ड्यूटीज को पूरा कर रही थीं। उन्हें अहसास हुआ कि इस समय उनके देश यूके को उनकी जरूरत है। भाषा ने सीएनएन के साथ बातचीत में कहा, 'मैं अपने घर वापस आना चाहती थी। मै घर आकर सीधा अस्पताल जाना चाहती थीं।' उन्हें उनके पूर्व सहकर्मियों की तरफ से मैसेज मिला था जो उनके साथ बोस्टन के पिलग्रिम अस्पताल में काम करते थे। यह अस्पताल ईस्टर्न इंग्लैंड में है।
सेवा करने का इससे बेहतर समय और कोई नहीं
भाषा के साथियों ने उन्हें बताया कि अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं और हालात बद से बदतर होते जा रहें हैं। इसके बाद भाषा ने अस्पताल के मैनेजमेंट को कॉल किया। भाषा ने कहा कि वह अपने काम पर वापस लौटना चाहती हैं। भाषा की मानें तो उन्हें इस बात का इल्म हमेशा से है कि उन्हें डॉक्टरी की डिग्री क्यों मिली है और ऐसे समय में जब उनका देश संकट में है, इससे बेहतर समय उनके लिए नहीं हो सकता जब वह अपने सेक्टर को अपनी सेवाएं दे सकती हैं।
हेल्थ वर्कर बन सम्मान हासिल करने का सपना
भाषा के शब्दों में, 'पूरी दुनिया हेल्थ वर्कर्स का सम्मान कर रही है और यह एक असाधारण तरीका है। मैं भी उनमें से एक बनना चाहती हूं और मुझे मालूम है कि मैं मदद कर सकती हूं।' भाषा की मानें तो मिस इंग्लैंड के तौर पर भी उनके पास इससे अच्छा समय नहीं हो सकता है जब वह इस देश के लोगों की मदद कर सकती हैं। 23 साल की भाषा के पास एक नहीं बल्कि दो मेडिकल डिग्री हैं। उनका आईक्यू स्तर 146 है और आधिकारिक तौर पर वह एक जीनियस हैं।
नौ वर्ष की उम्र में चली गई थीं यूके
डर्बी की रहने वाली भाषा पिछले वर्ष अपनी जॉब की शुरुआत करने वाली थीं कि वह मिस इंग्लैंड बन गईं। भाषा का जन्म भारत में ही हुआ है। नौ वर्ष की अवस्था में उनके माता-पिता उन्हें लेकर यूके चले गए थे। वह जूनियर डॉक्टर के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाली थी। भाषा ने नॉटिंघम यूनिवर्सिटी से मेडिकल साइंसेज और सर्जरी में डिग्री हासिल की है। भाषा के अलावा आयरलैंड के पीएम जो डॉक्टर हैं, वह भी इस समय अपनी पुरानी ड्यूटी पर वापस लौट आए हैं।