Coronavirus Impact: दशकों में पहली बार डूबी चीन की अर्थव्यवस्था, जीडीपी को 6.8% का बड़ा नुकसान
बीजिंग। कोरोना वायरस का असर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन पर नजर आने लगा है। पहली तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था 6.8 प्रतिशत तक गिर गई है। कई दशकों में यह पहला मौका है जब चीन की जीडीपी को इतना बड़ा झटका लगा है। कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था बंद पड़ी है और इसका सीधा असर चीन की जीडीपी पर पड़ा है। शुक्रवार को आई रिपोर्ट्स में इस बात की जानकारी दी गई है।
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विश्लेषकों के अनुमान से ज्यादा नुकसान
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की ओर से बताया गया है कि सन् 1992 से चीन ने अपनी जीडीपी का रिकॉर्ड रखना शुरू किया है और यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। कोरोना वायरस की वजह से चीन ने अपनी सभी फैक्ट्रियों, ट्रांसपोर्ट और शॉपिंग मॉल्स को बंद कर दिया। रॉयटर्स के पोल में विश्लेषकों की तरफ से अनुमान लगाया गया था कि गिरावट 6.5 प्रतिशत से ज्यादा की हो सकती है। साथ ही साल 2019 की चौथी तिमाही में आए आंकड़ों में छह प्रतिशत का विस्तार देखा जाएगा। साल 2020 में जनवरी से लेकर मार्च तक के जो आंकड़ें आए हैं, उनसे विश्लेषकों का अनुमान सही साबित पड़ता है।
76 के बाद चीन को इतना बड़ा झटका
साल 1976 का दौर था जब चीन में एक दशक बाद सामाजिक और आर्थिक तनाव खत्म हुआ था। कम्युनिस्ट पार्टी के नेता माओत्से तुंग की मौत के बाद चीन में भारी अव्यवस्था थी। कहा जा रहा है कि साल 1976 के बाद यह ऐसा पहला मौका है जब चीन को इतने बड़े स्तर पर आर्थिक चोट पहुंची है। जनवरी के अंत में चीन ने लॉकडाउन के जरिए सबकुछ बंद कर दिया था। चीन ने वायरस को रोकने के मकसद से यह कदम उठाया था। चीन की सरकार की तरफ से लॉकडाउन के जो उपाय किए गए, उनकी वजह से कुछ हद तक राहत पहुंची थी।
वायरस ने लगाया ब्रेक
कहा गया कि लॉकडाउन की वजह से चीन में वायरस फैलने से रुक सका था। हाल ही में चीन ने वुहान जहां पर वायरस फैला था, वहां लॉकडाउन को हटा लिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक चीन अब अपनी 14 ट्रिलियन डॉलर वाली इकोनॉमी को फिर से शुरू करने की कोशिशें कर रहा है। कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका से लेकर यूरोप तक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है और अब माना जा रहा है कि इस पूरे साल दुनिया को और ज्यादा आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा।
मुश्किल है चीन के लिए आने वाला समय
न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि चीन अर्थव्यवस्था की तरफ वापस जाने की कोशिशें कर रहा है लेकिन जिस तरह से दुनिया पर ब्रेक लगा हुआ है, उसका खामियाजा उसे उठाना पड़ेगा। कई तरह के कच्चे माल के लिए देश चीन पर निर्भर हैं मगर यहां पर फैक्ट्रियां बंद पड़ी थीं। अब जब यहां पर फैक्ट्रियों में काम शुरू होना आरंभ हुआ है तो दुनिया लॉकडाउन मोड में हैं। चीन ने भले ही काम और ट्रैवेल पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है, लेकिन इसके बाद यहां के बिजनेस लीडर्स मान रहे हैं अभी समय बहुत मुश्किल है।