तेज गर्मी और उमस में कमजोर पड़ रहा है कोरोना वायरस, अमेरिकी रिसर्च का दावा
वॉशिंगटन।
अमेरिका
के
एक
अधिकारी
ने
कहा
है
कि
ऐसा
लग
रहा
है
कि
कोरोना
वायरस
सूरज
की
तेज
रोशनी,
गर्मी
और
उमस
में
तेजी
से
कमजोर
पड़
रहा
है।
गुरुवार
को
इस
अधिकारी
ने
दावा
किया
है
कि
आने
वाले
मौसम
में
जब
गर्मियां
शुरू
हो
जाएंगी
तो
महामारी
के
संक्रमण
की
आशंका
कम
हो
सकती
है।
वायरस
की
वजह
से
अब
तक
अमेरिका
में
50,243
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है
और
886,709
लोग
इससे
प्रभावित
हैं।
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सूरज की तेज रोशनी में वायरस खत्म!
अमेरिकी सरकार की तरफ से हुई रिसर्च में इस बात को साबित किया गया है कि वायरस घर के अंदर और शुष्क परिस्थितियों में जिंदा रहता है लेकिन जैसे ही यह ज्यादा तापमान और उमस के माहौल में आता है, कमजोर पड़ जाता है। होमलैंड सिक्योरिटी के साइंस एंड टेक्नोलॉजी की तरफ से रिसर्च हुई है और इसके कार्यकारी मुखिया विलियम ब्रायन की तरफ से यह बात कही गई है। व्हाइट हाउस में न्यूज ब्रीफिंग के दौरान ब्रायन ने कहा, 'वायरस सूरज की तेज रोशनी में शीघ्रता से खत्म हो जाता है।'
गर्म मौसम में कमजोर पड़ेगी महामारी
रिसर्च में जो कहा जो नतीजे आए हैं उनसे उम्मीद जगी हैं कि कोरोना वायरस दूसरी बीमारियों जैसे फ्लू की तरह ही बर्ताव करेगा जो गर्म मौसम में कम संक्रामक होती हैं। लेकिन कोरोना वायरस सिंगापुर जैसे देशों में खतरनाक साबित हो रहा है जहां पर मौसम गर्म ही रहता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप ने कहा कि रिसर्च के नतीजों में सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने साथ ही पुरानी रिसर्च का हवाला भी दिया जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस गर्मी के मौसम में कमजोर पड़ सकता है।
ट्रंप बोले मैंने पहले भी कही थी यह बात
राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रीफिंग में कहा, 'मैंने पहले भी कहा था कि कोरोना वायरस गर्मी और तेज रोशनी में खत्म हो सकता है मगर तब लोगों को मेरा बयान पसंद नहीं आया था।' अमेरिका के 16 राज्य अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने और प्रतिबंधों में ढील देने की योजना बना रहे हैं। जॉर्जिया और साउथ कैरोलिना में लोगों को फिर से बिजनेस खोलने की मंजूरी दे दी गई है। ट्रंप के प्रशासन का कहना है कि राज्यों के पास जब तक इस बात का प्रमाण नहीं है कि उनके यहां संक्रमण के केसेज में कमी आई है, तब उन्हें थोड़ा इंतजार करना चाहिए।
MIT की स्टडी में भी कही गई ऐसी बात
कुछ दिनों पहले प्रतिष्ठित मेसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) की तरफ से हुई एक रिसर्च में भी इसी तरह का दावा किया गया है। एमआईटी की तरफ से हुई रिसर्च में कहा गया था कि जिन जगहों पर तापमान 4 से 10 डिग्री के बीच था वहां पर कोरोना वायरस के नए केसेज में तेजी से इजाफा हुआ था। रिसर्च के मुताबिक 10 मार्च के बाद केसेज में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई थी और जिन जगहों पर तापमान 18 डिग्री से नीचे रहा वहां पर मरीजों की संख्या बढ़ी थी। हालांकि कुछ लोगों ने रिसर्च को मानने से इनकार कर दिया था।