Coronavirus: अमेरिका में मरीजों का आंकड़ा एक लाख के पार, इस संख्या तक पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश
वॉशिंगटन। शुक्रवार को अमेरिका में कोरोना वायरस केसेज की संख्या 100,000 पर पहुंच गई है। यह हालात तब हैं जब पिछले दिनों राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट के तहत किसी राष्ट्रपति को युद्ध के समय मिली शक्तियों का प्रयोग किया और गर्वनर्स पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। साथ ही एक प्राइवेट कंपनी जनरल मोटर्स को मजबूर किया कि वह कोविड-19 के शिकार उन मरीजों के लिए वेंटीलेटर्स बनाने के काम में तेजी लाए जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
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एक हफ्ते में ही 10 गुना इजाफा
अमेरिका में काफी तेजी से कोविड-19 के केसेज बढ़ते जा रहे हैं। यह पहला मौका है जब किसी देश में कोरोना वायरस का आंकड़ा एक लाख के पार हुआ है। अमेरिका में अब तक 101,657 केसेज हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ट्रैकर के मुताबिक यह आंकड़ा इटली और चीन से भी कहीं आगे हैं जहां पर इस महामारी ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। इटली में अभी तक कुल केस 86,498 हैं और चीन में भी यह आंकड़ा 81,897 है। अमेरिका में आए केसेज की संख्या इन दोनों ही देशों से 14,000 ज्यादा है। अमेरिका में मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। अब तक देश में 1581 मौतें हो चुकी हैं जिसमें 527 मौतें अकेले न्यूयॉर्क में हुई हैं। न्यूयॉर्क में कंफर्म केसेज की संख्या भी 44,876 है और यह किसी भी अमेरिकी राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। इसके बाद वॉशिंगटन, न्यू जर्सी और कैलिफोर्निया का नंबर है। अमेरिका ने एक हफ्ते पहले ही यानी 19 मार्च को 10,000 का आंकड़ा पार किया था।
100 दिन में एक लाख वेंटीलेटर्स
एक लाख केस होने के बाद अब लोगों को डर है कि दुनिया का सबसे अमीर देश कोरोना वायरस का अगला केंद्र बन सकता है। अब तक दुनिया में इस महामारी के 597,185 केस दर्ज किए गए हैं और 27,359 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच ही ट्रंप ने शुक्रवार को कहा है कि उनका देश अगले 100 दिनों में 100,000 वेंटीलेटर्स तैयार करेगा। साथ ही उन्होंने व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नावारो को डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट के लिए कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। राष्ट्रपति ट्रंप के मुताबिक वह हर अमेरिकी नागरिक का ध्यान रखेंगे और साथ ही दुनिया के दूसरे देशों की मदद भी करेंगे। हालांकि ट्रंप ने लॉकडाउन से साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है।ट्रंप ने दो ट्रिलियन डॉलर का एक इमरजेंसी बिल भी साइन किया है जिसके तहत हर औसत अमेरिकी परिवार और बिजनेस को महामारी के दौरान ही आर्थिक मदद मिल सकेगी।