विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट घोषित किया
नई दिल्ली। चीन में तेजी से फैल रहा जानलेवा कोरोना वायरस दुनियाभर के लिए नई मुसीबत बनकर सामने आया है। इसकी भयावहता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट करार दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया टेड्रॉस एबनॉम गेब्रीसस ने बताया कि कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट घोषित करने की मुख्य वजह यह है कि यह सिर्फ चीन में नहीं हो रहा है, बल्कि कई देशों में हो रहा है। हमारी चिंता यह है कि अन्य देशों में कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से और फैल सकता है।
18 देशों में फैला यह वायरस
बता दें कि कोरोना वायरस से चीन में मरने वालों कीक संख्या 213 तक पहुंच चुकी है। डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस के अन्य देशों में अबतक कुल 98 मामले सामने आ चुके हैं। कुल 18 देशों में कोरोना वायरस के मामले आए हैं, हालांकि इसकी वजह से मरीजों की मौत नहीं हुई है। ज्यादातर मामले उन लोगों के हैं जिन्होंने चीन की यात्रा की हो और वह भी मुख्य रूप से वुहान शहर की। यह वायरस इसी शहर में पहली बार फैलना शुरू हुआ है। वहीं कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति की वजह से अन्य व्यक्ति के भीतर इस वायरस के फैलने के 8 मामले सामने आए हैं, जोकि जर्मनी, जापान, वियतनाम और अमेरिका के हैं।
अभूतपूर्व प्रकोप
डॉक्टर टेड्रोस ने बताया कि यह वायरस अभूतपूर्व प्रकोप के तौर पर सामने आया है। उन्होंने चीन द्वारा इस वायरस से बचाव को लेकर कदम की तारीफ की है। हालांकि उन्होंने कहा कि चीन से व्यापार और यात्रा करने पर नियंत्रणम की कोई वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं आपको बता देना चाहता हूं कि यह घोषणा चीने के खिलाफ अविश्वास मत नहीं है। हालांकि कई देशों ने चीन की यात्रा को लेकर अहम कदम उठाए हैं और कुछ दिनों के लिए चीन की उड़ानों को रद्द कर दिया है।
कई कंपनियों ने बंद किया काम
कोरोना वायरस की वजह से गूगल, स्टारबक्स, टेस्ला सहित कई कंपनियों ने अपना काम चीन में बंद कर दिया है। बता दें कि कोरोना वायरस पिछले महीने ही सामने आया है। अभी तक चीन में कोरोना वायरस से जुड़े कुल 7736 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दुनियाभर में इस वायरस से पीड़ितों की बात करें तो इसकी संख्या 12167 पहुंच चुकी है।