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कम तापमान में 20 साल तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस, चीन के एक्सपर्ट ने दी ये चेतावनी

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नई दिल्ली- कोरोना वायरस चीन में पैदा हुआ, वहीं से निकलकर दुनियाभर में कोहराम मचा रहा है। अब चीन के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि ये तो ऐसा वायरस है कि अगर इसे मुफीद माहौल मिले तो यह 20-20 वर्षों तक जिंदा रह सकता है। इस नए खुलासे के बाद चीन में मीट-मछली और सीफूड मार्केट को लेकर खास दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि इसबार कोरोना वायरस चीन के बीजिंग शहर तक पहुंच चुका है, तब जाकर चीन ने अपने वैज्ञानिकों को उसके बारे में ज्यादा जानकारियां जुटाने के काम पर लगा दिया है।

माइनस 20 डिग्री तापमान में 20 साल तक जिंदा रह सकता है कोरोना

माइनस 20 डिग्री तापमान में 20 साल तक जिंदा रह सकता है कोरोना

चीन के एक बड़ी महामारी विशेषज्ञ ने दावा किया है कि नोवल कोरोना वायरस माइनस 20 डिग्री तापमान में 20 साल तक जिंदा रह सकता है। कोरोना वायरस के बारे में ये खुलासा चीन की कोविड-19 एक्सपर्ट टीम की सदस्य प्रोफेसर ली लैनजुआन ने किया है। चीन की सरकारी मीडिया चाइना न्यूज के मुताबिक पूर्वी चीन के हैनगझोउ में विशेषज्ञों की एक बैठक में उन्होंने ये दावा किया है, जिसके मुताबिक अगर वातावारण बहुत ही ठंडा रहे तो कोरोना वायरस को जिंदा रहना बेहद आसान है। ली लैनजुआन के मुताबिक, 'नोवल कोरोना वायरस विशेष रूप से ठंड से नहीं डरता है। यह वायरस माइनस 4 डिग्री सेल्सियस तापमान में कुछ महीनों तक जिंदा रह सकता है और माइनस 20 डिग्री सेल्सियस में 20 साल तक।'

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कच्चा मांस-मछलियों को छूने से सावधान

कच्चा मांस-मछलियों को छूने से सावधान

इसके साथ ही उन्होंने लोगों को ये भी चेतावनी दी है कि SARS-CoV-2 वायरस से बचने के लिए कच्चा मांस या मछलियों को छूने से बचें, जिसके चलते कोविड-19 जैसी बीमारी होती है। उन्होंने कोरोना वायरस के बर्ताव के बारे में और ज्यादा विस्तार से बताते हुए कहा है कि, 'इससे पता चलता है कि यह वायरस सीफूड मार्केट में ही कई बार क्यों पाया गया है, वहां बहुत ही ज्यादा मात्रा में फ्रोजेन फूड का भंडार होता है। इस वायरस के लिए यह संभव है कि वह कई देशों तक ट्रांसपोर्ट के जरिए पहुंच सकता है।' उस विशेषज्ञ ने चीन के अधिकारियों को आगाह किया है कि वह फ्रोजन फूड उत्पादों के आयात पर निगरानी बढ़ा दें जैसे कि सामन (salmon-एक तरह की मछली) पर, ताकि इस वायरस को और ज्यादा फैलने से रोका जा सके। सोमवार को बताया गया है कि बीजिंग में रविवार को कोरोना के 9 नए मामले सामने आए हैं।

नोवल कोरोना वायस के नस्ल को लेकर अलग-अलग दावे

नोवल कोरोना वायस के नस्ल को लेकर अलग-अलग दावे

वैसे बता दें कि चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के झैंग योंग का दावा कि चीन के बीजिंग में कोरोना का जो वायरस फैल रहा है उसका नस्ल इस समय यूरोप में फैले वायरस से पुराना है। झैंग ने संभावना जतायी है कि यह वायरस या तो आयातित फ्रोजेन फूड या तो होलसेल मार्केट से ही फैला है, जिसके चलते इसमें पुराने नस्ल से समानता है। जबकि, हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ बेन कॉलिंग ने कहा है, 'यह संभव है कि जो वायरस अब बीजिंग में फैल रहा है वह वुहान से यूरोप गया हो और अब फिर चीन में वापस आ गया हो।' हालांकि, सीडीसी के चीफ महामारी विशेषज्ञ वु जुन्यू ने पहले कहा था कि बीजिंग में मिला वायरस यूरोपीय नस्ल से मिलता है।

सीफूड को लेकर चीन में अलग-अलग तरह के दावे

सीफूड को लेकर चीन में अलग-अलग तरह के दावे

जानकारी के मुताबिक बीजिंग में जब से कोरोना वायरस फैला है, वहां के फूड होलसेलर और रिटेल स्टोरों ने अपने उत्पादों की टेस्टिंग बढ़ा दी है। खासकर वो मीट और सीफूड पर बहुत ज्यादा निगरानी कर रहे हैं। पिछले हफ्ते चीन की एक और सरकारी मीडिया ने दावा किया था कि एक बाजार में आयातित सामन (एक तरह की मछली) को काटने वाली चॉपिंग बोर्ड पर कोरोना वायरस पाया गया था। हालांकि, चीन के अधिकारियों का ये भी कहना है कि चेतावनी तो दी जा रही है, लेकिन उनके पास इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि सीफूड खाने से लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। वैसे, नई जानकारियों के बाद वहां के प्रशासन ने ऐसे बाजारों और स्टोर्स के कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा की पूरी एहतियात बरतने को कहा है।

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English summary
coronavirus can remain alive for 20 years in minus 20 degrees celsius
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