कोरोना वायरस ने तोड़ी अमेरिकी इकोनॉमी की कमर, 3 करोड़ से ज्यादा लोगों की गई नौकरी
नई दिल्ली। दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी प्राकृतिक स्वास्थ्य आपदा के आगे घुटने टेकने को मजबूर हो गया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने अमेरिका की कमर तोड़कर रख दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरीका की इकोनॉमी पर भी महामारी की बड़ी मार पड़ी है। इसका परिणाम यह हुआ कि देश के 3.3 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है। कोरोना वायरस के चलते सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ट्रैवल और पर्यटन उद्योग तबाह हो चुका है।
चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है। यूरोपीय देशों के बाद महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका हुआ है। यहां अब तक कुल 1,385,834 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं वहीं, 81,795 लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में महामारी के चलते बेरोजगारी दर अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि ट्रंप सरकार के अधिकारियों ने इस संकट से जल्द उबरने की उम्मीद जताई है।
बता दें कि अमेरिका में काम करने वाले लोगों की संख्या 165 मिलियन से अधिक है, इनमें से 33 मिलियन की नौकरी जा चुकी है, इसका बतलब यह हुआ कुल अमेरिकी श्रम शक्ति का 20 फीसदी हिस्सा अब बेरोजगार है। फिर भी अमेरिकी सरकारी अधिकारियों का अनुमान है कि साल 2021 अच्छा साबित होगा हम अगले वर्ष तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की पटरी पर होंगे। इसके उलट अर्थव्यवस्था के विशेज्ञों का कुछ और ही मानना है। रोजगार से लेकर जनसंख्या अनुपात केवल पचास प्रतिशत हो गया है। इसका मतलब है कि अमेरिकी आबादी का सिर्फ आधा हिस्सा अब कार्यरत है। उन्होंने कहा, हम जिस मजबूत अर्थव्यवस्था को हमेशा से देखते रहे, उसे सबसे बड़ा नकारात्मक झटका लगा है। उम्मीद है कि हम इससे आने वाले समय में उबर जाएंगे।
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