अमेरिका में बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए अनिवार्य हुआ कोरोना टेस्ट, राष्ट्रपति ट्रंप ने बदले दिशा-निर्देश
नई दिल्ली। दुनिया में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीजों वाले देश के मुखिया डोनाल्ड ट्रंप ने महामारी परीक्षण को लेकर जारी सीडीसी के दिशा-निर्देश को पलटते हुए अब बिना लक्षणों वाले लोगों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। ऐसा दूसरी बार है जब ट्रंप प्रशासन जारी दिशा-निर्देशों में दखलंदाजी करते हुए उसमें फेरबदल किया है। यानी अब अमेरिका में पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों को टेस्ट से गुजरना पड़ेगा, भले ही उनमें लक्षण नहीं हों।
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अमेरिका में करीब 70 लाख कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं
गौरतलब है अमेरिका में अभी तक करीब 70 लाख कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं, जबकि महमारी ने दो लाख से अधिक अमेरिकी मरीजों की जान ले चुका है। अमेरिका में कोरोना को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद बयानों को लेकर हमेशा उनकी आलोचना होती रही हैं। यह क्रम वर्तमान में जारी है, जब अमेरिका में 3 नंवबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और डोनाल्ड ट्रंप दूसरे टर्म के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
24 अगस्त से पहले सी़डीसी ने सभी के लिए परीक्षण अनिवार्य् किया था
दरअसल, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अगस्त के अंत में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और विशेषज्ञों को उस समय नाराज कर दिया था, जब यह कहा गया था कि जिन लोगों में लक्षण नहीं, उन्हें परीक्षण की आवश्यक नहीं हैं। गत 24 अगस्त से पहले सी़डीसी ने उन सभी के लिए परीक्षण अनिवार्य् किया था, जिनमें वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे थे।
ट्रंप प्रशासन ने सीडीसी के परीक्षण निर्देशों को वापस लागू कर दिया है
ट्रंप प्रशासन ने लगातार दूसरी पर दिशा-निर्देश में बदलाव करते हुए शुक्रवार को जारी दिशानिर्देश ने सीडीसी के परीक्षण को लेकर जारी किए गए निर्देशों को वापस लागू कर दिया है। अमेरिका के अधिकांश राज्यों ने संक्रमण के रोकथाम के लिए सीडीसी के 24 अगस्त के दिशानिर्देशों को खारिज कर दिया था। हालांकि कुछ राज्य अधिकारियों ने पिछले महीने कहा था कि उन्हें लगता है कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा परीक्षण के महत्व को कम करने का उद्देश्य नए मामलों में कटौती करने की इच्छा से प्रेरित है।
वैक्सीन की तुलना में मास्क को शक्तिशाली बताने पर ट्रंप ने किया था पलटवार
इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने सीडीसी निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड द्वारा वैक्सीन की तुलना में मास्क को संक्रमण के खिलाफ शक्तिशाली उपकरण बताने पर पलटवार करते हुए कहा था कि मास्क एक टीके से अधिक प्रभावी नहीं है। रेडफील्ड ने कहा था कि वैक्सीन की तुलना में मास्क को नोवल कोरोनावायरस के खिलाफ सबसे शक्तिशाली उपकरण है। यह बयान सीनेट की एक उप-समिति की सुनवाई में अमेरिकी सांसदों के सवालों के जवाब में दिया था।
राष्ट्रपति ट्रंप 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बेहद उत्सुक हैं
माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक वैक्सीन पर प्रगति के लेकर बेहद उत्सुक हैं और अब सीडीसी दिशानिर्देश में किया गया फेरबदल को अमेरिका में कोरोना केस में कटौती करने की कोशिश के रूप में उल्लेखित किया जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक वैक्सीन पर प्रगति के लेकर बेहद उत्सुक ट्रंप ने कहा था कि एक टीका कुछ हफ्तों में उपलब्ध हो सकता है, लेकिन डेमोक्रेट्स पार्टी ने ट्रंप के बयान को राष्ट्रपति चुनाव से जोड़ते हुए आलोचना की थी।