कोरोना संकट: जानिए क्यों स्पेन में मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं?, एक दिन में रिकॉर्ड 832 मौत!
ग्रेनेडा, स्पेन। 14 मार्च वह तारीख है जब स्पेन में कोरोनो वायरस को लेकर स्टेटस ऑफ अलर्ट जारी किया था, उसके बाद से प्रत्येक रात स्पेन के नागरिक संकट ग्रस्त देश को बचाने में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों के प्रोत्साहित करने के लिए तालियां बजाते आ रहे हैं, लेकिन स्पेन के इस आशावादी रूख के बावजूद महामारी का दर्द कम नहीं, बल्कि बढ़ता गया है। बीते शुक्रवार को स्पेन में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अब तक के सर्वोच्च स्तर पहुंच गई है।
स्पेन में पिछले 24 घंटों में यानी शनिवार को कोरोना से मौतों की संख्या रिकॉर्ड 832 पहुंच गई है। बताया जाता है स्पेन का यह शनिवार सुबह उभरा और प्रकोप शुरू होने के बाद से स्पेन में मरने वालों की संख्या 5,812 तक पहुंच गई। एक दिन में हुई सर्वाधिक 832 मौतों ने पुराने यानी एक दिन पहले स्पेनिश रिकॉर्ड को पीछे ढकेल दिया है।
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दरअसल, शुक्रवार, 27 मार्च को यूरोपीय स्पेन में कोरोना वायरस महामारी ने स्पेन में सर्वाधिक कुल 769 नागरिकों की जान ले ली थी। वर्तमान में स्पेन में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 5,800 को पार कर गई है। वर्ल्डोमीटर वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक शनिवार देर शाम तक स्पेन में डेथ टोल 5,812 पहुंच चुकी है और आंकड़े तेजी बढ़ते जा रहे हैं।
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हालांकि गुरूवार से शुक्रवार तक कोरोना वायरस से संबंधित संक्रमण के ताजा मामलों में गिरावट दर्ज की गई थी, जो गुरुवार को रिकॉर्ड 8,578 से शुक्रवार को 7,871 पहुंच गई थी, लेकिन दोनों संख्या एक सप्ताह पहले की तुलना में कहीं अधिक खराब हैं, जब नए मामले 2,833 थे।
सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इटली की तुलना में स्पेन में स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इटली में जहां 8 फीसदी स्वास्थ्य कार्यकर्ता कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुए हैं, लेकिन स्पेन में शुक्रवार तक कि यह आंकड़ा 16.5 फीसदी पहुंच गया था।
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सवाल उठता है कि स्पेन में कोरोनो वायरस के मामले इतनी तेजी से क्यों फैल रहे हैं? जवाब तलाशने पर पता चला है कि इसके कई फैक्टर हैं। इनमें प्रमुख कारक है संसाधनों की कमी और असमान सार्वजिनक स्वास्थ्य सेवा। यूरोपीय देशों के हेल्थकेयर के बारे यह सुनना बड़ा आश्चर्य है, लेकिन स्पेन में मीडिया भी स्पेन में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने के लिए उपरोक्त दोनों कारकों को जोर-शोर से चिन्हित कर चुकी है।
गौरतलब है आंशिक रूप से स्पेन में शिक्षाविद भी स्पेन में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के लिए उपरोक्त दोनों कारकों को संभावित कारणों के रूप में पुष्टि कर चुके हैं, लेकिन वो इसके साथ-साथ कई अन्य कारकों की ओर भी रेखांकित करते हैं।
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अल जज़ीरा को दिए एक इंटरव्यू में शिक्षाविद सिल्विया कार्लोस चिलरन ने कहा कि हाल ही में यूरोप में सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल यूरोप ने बताया कि COVID-19 का प्रभाव देश की तैयारी के स्तर और तेजी से जवाबी कार्रवाई को लागू करने की क्षमता पर निर्भर करता है। सिल्विया कार्लोस चिलरन नवरारा विश्वविद्यालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा के प्रोफेसर हैं।
बकौल सिल्विया कार्लोस चिलरन, "अगर मामलों में वृद्धि तेज रही है, जैसा कि स्पेन में हुआ है, और इससे लड़ने के लिए मानव और भौतिक संसाधनों की गारंटी नहीं है, तो प्रभाव अधिक गंभीर होते है। शायद इससे सबसे कमजोर क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौतें होती हैं। खासतौर पर जब मेडिकल पेशेवर भी प्रभावितों में से एक हों।"
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उल्लेखनीय है गत बुधवार को ही स्पेन के स्टेट कन्फेडरेशन ऑफ मेडिकल यूनियन्स (CESM) ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक मामला दर्ज किया, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय को जल्द से जल्द पर्याप्त सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए कहा गया है।
हालांकि मामले में CESM के उक्त आरोप को पूरी से रद्द कर दिया गया कि स्पेन का स्वास्थ्य मंत्रालय पेशेवर स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहा था ताकि वो अपने काम को ढंग से अंजाम दे सके, जिससे कोरोनो वायरस का जोखिम कम हो सके।
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अल जज़ीरा को दिए इंटरव्यू में दक्षिणी स्पेन के एक अस्पताल के डॉक्टर ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि लोग आमतौर पर लॉकडाउन का सम्मान कर रहे हैं और छोटी बीमारियों के लिए अस्पतालों में नहीं आकर संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद कर रहे हैं।"
हालांकि डाक्टर ने बाद में यह स्वीकार किया कि कोरोना वायरस जैसी महामारी संकट के लिए अस्पतालों में सैनिटरी सामग्री की कमी है, जो स्वास्थ्य कर्मचारियों को संक्रमित होने की संभावनाओं को बढ़ा दिया, जो स्पेन में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों के कोरोना से संक्रमित होने का एक बड़ा कारक बनता जा रहा है।"
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