ब्रिटेन में कोरोना के नए मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, जुलाई के बाद पहली बार नए मरीजों की संख्या 50 हजार के पास
लंदन,
अक्टूबर
19।
ब्रिटेन
के
अंदर
कोरोना
के
मामलों
में
एकबार
फिर
से
बढ़ोतरी
देखने
को
मिल
रही
है।
बड़े
स्तर
पर
चल
रहे
टीकाकरण
अभियान
के
बाद
भी
संक्रमण
बहुत
तेजी
से
फैल
रहा
है।
सोमवार
को
ब्रिटेन
में
कोरोना
के
नए
मरीजों
का
आंकड़ा
50
हजार
के
बेहद
करीब
था,
जो
बीते
जुलाई
के
बाद
सबसे
अधिक
है।
इतना
ही
नहीं
ब्रिटेन
में
पिछले
2
हफ्ते
से
कोरोना
के
नए
मरीजों
का
आंकड़ा
35000
से
लेकर
40000
के
बीच
में
ही
आ
रहा
है।
सोमवार
को
कोरोना
के
49,156
ने
मरीज
मिले।
वहीं
एक
दिन
पहले
रविवार
को
ये
आंकड़ा
45140
था।
कोरोना प्रतिबंधों में ढील के बाद बढ़ा कोरोना संक्रमण
ब्रिटेन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने की वजह कड़े प्रतिबंधों में दी गई ढील है और उपर से लोगों की लापरवाही की वजह से मामले बहुत तेजी से बढ़ रे हैं। ब्रिटेन में कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या भी पिछले कुछ समय से 100 से उपर ही आ रही है। यूके में अभी तक कोरोना से 1 लाख 38 हजार से अधिक कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है, जो रूस के बाद यूरोप में दूसरे नंबर पर है।
ब्रिटेन के मुकाबले फ्रांस और जर्मनी में कोरोना की स्थिति
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्ट्रक्चरल बायोलॉजी के प्रोफेसर जिम नाइस्मिथ ने कहा है, " ये बहुत दुख की बात है कि इस समय यूके में अन्य देशों की तुलना में कोरोना के मामले बहुत अधिक सामने आ रहे हैं। यूके में ना सिर्फ कोरोना के पॉजिटिव केस अधिक हैं, बल्कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या और संक्रमण से जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या भी काफी अधिक है।" आपको बता दें कि ब्रिटेन की तुलना में फ्रांस में रोजाना 4 हजार के करीब केस आ रहे हैं, जबकि जर्मनी में ये संख्या 10 हजार है। वहीं 30-40 मरीजों की मौत हो रही है।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सरकार पर खड़े हुए सवाल
ब्रिटेन में इन हालात के बीच बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन थोड़े बेफिक्र नजर आ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने पहले ही ये आशंका जाहिर कर दी थी कि गर्मियों का मौसम जाने के बाद जैसे ही सर्दियां आनी शुरू होंगी तो कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिलेगी, लेकिन उसके बावजूद भी ब्रिटेन सरकार ने पाबंदियों में ढील दी, जिसका नतीजा है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ब्रिटेन में कहर बरपा रहा है। पीएम बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि हम हमेशा से जानते थे कि आने वाले महीने चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, हम हालात को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं।