COP14: 10 करोड़ एकड़ बंजर जमीन को जीवन और 1 करोड़ लोगों को रोजगार देने का संकल्प
ग्रेटर नोएडा। यूनाइटेड नेशन्स की एक रिपोर्ट कहती है कि पूरी दुनिया में हर साल 1 करोड़ 20 लाख हेक्टेयर जमीन बंजर हो रही है। यानी वहां पर न तो पौधे उगाये जा सकते हैं, और न ही वहां खोदने पर आपको पर्याप्त पानी मिलेगा। दुनिया भर में तेज़ी से हो रहे मरुस्थलीकरण का बेहद नकारात्मक प्रभाव जलवायु परिवर्तन पर पड़ रहा है। इसी प्रभाव को कम करने के लिये दुनिया के 190 देशों ने मिल कर फैसला किया है कि 2030 तक 100 मिलियन यानी 10 करोड़ हेक्टेयन जमीन को फिर से हरा-भरा बनायेंगे। यह संकल्प नोएडा में चल रही COP14 कॉन्फ्रेंस में सुबह के सत्र में लिया गया। यही नहीं सभी देशों ने मिलकर अगले दस सालों में 1 करोड़ लोगों को रोजगार देने का संकल्प भी लिया।
ग्रेटर नोएडा एक्सपो एंड मार्ट में चल रहे संयुक्त में सुबह के सत्र में अलग-अलग देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सत्र में खास तौर से जमीनों के मरुस्थलीकरण पर चर्चा की गई। और पाया गया कि किस तरह से बंजर जमीनें न केवल पर्यावरण और जलवायु को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि लोगों का रोजगार छीन रही हैं। इससे निबटने के लिये संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले एक मुहिम शुरू करने का फैसला लिया गया।
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संयुक्त राष्ट्र की डिप्टी सेक्रेटरी जनरल अमीना जे मोहम्मद की अध्यक्षता में आयोजित इस सत्र में अफ्रीका महाद्वीप में बंजर हो चुकी 65 प्रतिशत जमीन पर गहन चिंता व्यक्त की गई। इस मरुस्थलीकरण के चलते लाखों लोग पलायन कर रहे हैं। साथ ही अफ्रीकी देशों की आर्थिक गति धीमी पड़ गई है। इन देशों को गति प्रदान करने के लिये तीन संकल्प लिये गये-
अफ्रीका
समेत
कई
देशों
में
2030
तक
कुल
100
मिलियन
यानी
10
करोड़
हेक्टेयर
बंजर
जमीन
को
वापस
हरा-भरा
बनाया
जायेगा।
जमीनों
की
हरियाली
वापस
ला
कर
2030
तक
10
मिलियन
यानी
1
करोड़
रोजगार
सृजित
किये
जायेंगे।
यही
नहीं
इन
जमीनों
पर
फसल
उगाने
वालों
को
वैश्विक
बाज़ार
से
जोड़ने
का
काम
किया
जायेगा।
दुनिया
भर
में
छोटे-छोटे
शहरों
और
गावों
में
अक्षय
ऊर्जा
को
बढ़ावा
दिया
जायेगा,
जिससे
छोटे
शहर
आर्थिक
रूप
से
समृद्ध
हो
सकें।
गौरतलब है कि आईपीसीसी की एक रिपोर्ट में हाल ही में कहा गया था कि जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों से निबटने के लिये जमीनों को वापस हरा-भरा बनाना एक बड़ा और अच्छा विकल्प है। कॉप14 में आज के मंथन ने इस रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई। इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किया।