चीन की संसद ने विवादित हांगकांग सुरक्षा कानून को दी मंजूरी, अमेरिका के साथ बढ़ा तनाव
बीजिंग। चीन की संसद ने विवादित हांगकांग सुरक्षा कानून को पास कर दिया है। मंगलवार को इस कानून के पास होने के बाद से हांगकांग में अब तक के सबसे बड़े बदलाव का रास्ता खुल गया है। 23 साल पहले ब्रिटेश ने अपना शासन यहां से समाप्त किया था और सन् 1997 में इसे चीन को सौंप दिया था। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक अनाम सूत्र के हवाले से बताया है कि इस कानून के विरोध में संसद में किसी ने आवाज नहीं उठाई थी।
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हांगकांग को मिला विशेष दर्जा खत्म
इस बिल के पास होने के बाद माना जा रहा है चीन का टकराव अमेरिका, ब्रिटेन और दूसरे पश्चिमी देशों के साथ बढ़ेगा। एक जुलाई 1997 को हांगकांग को ब्रिटेन की तरफ से चीन को सौंपा गया था। अमेरिका ने अमेरिकी कानून के तहत हांगकांग को मिला विशेष दर्जा खत्म कर दिया है। सोमवार को इस दर्जे के खत्म होने के बाद अब अमेरिका की तरफ से हांगकांग को निर्यात होने वाले रक्षा उपकरण पर रोक लग गई है और इस क्षेत्र में हाई टेक्नोलॉजी प्रॉडक्ट्स भी उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। हांगकांग की नेता कैरी लाम ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी उनके लिए इस कानून पर टिप्पणी करने का सही समय नहीं है क्योंकि बीजिंग में अभी मीटिंग जारी है। लाम ने अमेरिका को भी चुनौती दी और कहा कि किसी भी तरह का प्रतिबंध उन्हें डरा नहीं सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आया मसला
पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मसले को अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से उठाया गया था। इस पर चीन काफी तमतमा गया था। यूएन में चीनी मिशन की तरफ से कहा गया था, 'हांगकांग, चीन का विशेष प्राशसनिक क्षेत्र है और हांगकांग के मसले पूरी तरह से चीन के आंतरिक मसलें हैं। आतंरिक मसलों में कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।' अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से हांगकांग के मसले को बंद कमरे में मीटिंग में उठाया गया है। ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को सौंपा और इसके बाद से ही चीन ने यहां पर अपना 'वन कंट्री टू सिस्टम्स' नियम लागू कर दिया। इसके अलावा सन् 1984 में ब्रिटेन-चीन साझा घोषणा पत्र के तहत हांगकांग को सौंपने के 50 साल बाद पूरी तरह से आजाद देश का दर्जा मिलेगा।