कोरोना संकट के बीच कांगो में अब 'इबोला वायरस' ने मचाई तबाही, 5 लोगों की मौत, WHO ने कही ये बात
मबंडाका। पूरा विश्व इस वक्त कोरोना संकट से जूझ रहा है, इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 39 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 34 लाख को पार कर गई है। तमाम कोशिशों के बावजूद विश्न में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है कि इसी बीच कांगो में एक और वायरस ने दस्तक दी है, जिसने वहां के लोगों की परेशानी को दोगुना कर दिया है, इस वायरस का नाम इबोला है, जिसकी वजह से कांगों में अब तक 5 लोग मौत के शिकार हो चुके हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस वायरस की पुष्टि की गई है। आपको बता दें कि साल 2018 में इस वायरस ने कांगो में उत्पात मचाया था और तब से अब इस वायरस ने वहां के लोगों की जान ली है।
मालूम हो कि पश्चिमी शहर मबंडाका में इबोला वायरस के सोमवार को छह नए मामले सामने आए, जिसमें से 5 लोगों की मौत हो गई है जिसमें 15 साल की एक लड़की भी शामिल है, यहां एक बात ध्यान देने योग्य है और वो यह है कि मबंडाका के जिस एरिया में इबोला के मरीज सामने आए हैं, वहां पर कोरोना वायरस का एक भी व्यक्ति पाया नहीं है तो वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस ने भी साफ कहा है कि कोरोना और इबोला का आपस में कोई संबंध नहीं है।
क्या है इबोला के लक्षण
- WHO के मुताबिक इबोला अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय इलाके की बीमारी है।
- बुखार, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और गले में खराश इस रोग के प्रारंभिक लक्षण हैं।
- उल्टी होना, डायरिया और कुछ मामलों में अंदरूनी और बाहरी रक्तस्राव होता है।
- अधिक रक्तस्राव से मौत होने का खतरा बढ़ जाता है।
- मनुष्यों में इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों, जैसे चिंपैंजी, चमगादड़ और हिरण के सीधे संपर्क में आने से होता है।
कुछ जरूरी बातें
- इबोला वायरस की पहचान सबसे पहले साल 1976 में की गई थी।
- साल 2014 में इस वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी।
- रिकॉर्ड के मुताबिक इस वायरस से अब तक 2275 लोगों की मौत हो चुकी है।
- कांगो में ही इस वायरस से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
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