उरी आतंकी हमले ने बढ़ा दी चीन की टेंशन, आतंकवाद के मुद्दे पर लगेगी PAK की क्लास
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले ने चीन की चिंता भी बढ़ा दी है। घबराए चीन ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर लगाम लगाने की सीधी बात करने का मन बना लिया है क्योंकि इसकी वजह से उसके 46 बिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट को नुकसान हो रहा है।
दरअसल, चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) को लेकर पहले से ही बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान के खिलाफ हैं। भारत भी इस पर आपत्ति दर्ज करा चुका है। वहीं, रविवार को उरी स्थित आर्मी बेस पर आतंकी हमले ने एक बार फिर दुनिया भर की नजरों में पाकिस्तान को ला दिया है। हमले में भारत के 18 जवान शहीद हुए हैं।
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प्रोजेक्ट
पर
मंडरा
रहा
है
खतरा
भारत
ने
इस
हमले
के
लिए
पाकिस्तान
को
जिम्मेदार
ठहराया
है
और
आने
वाले
दिनों
में
वह
अंतरराष्ट्रीय
फोरम
में
इस
मुद्दे
को
उठाएगा।
साथ
ही
पाकिस्तान
की
सरजमीं
पर
जड़ें
जमाए
आतंकवाद
का
मुद्दा
भी
उठेगा।
इस
बात
से
चीन
की
टेंशन
बढ़ी
है।
चीन
को
लगता
है
कि
भारत
की
आवाज
का
असर
होगा
और
इससे
CPEC
के
भविष्य
पर
भी
खतरा
मंडरा
रहा
है।
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चीन
ने
की
आतंकी
हमले
की
निंदा
चीनी
विदेश
मंत्रालय
से
जुड़े
हू
शिशेंग
ने
उरी
हमले
की
निंदा
करते
हुए
कहा,
'यह
एक
अमानवीय
हमला
है
उसकी
हर
तरह
से
कड़ी
निंदा
होनी
चाहिए।'
उन्होंने
कहा
कि
चीन
हमेशा
से
चाहता
है
कि
भारत-पाकिस्तान
आपस
में
मिलकर
आतंकवाद
के
खिलाफ
लड़ें।
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'आतंकवाद
ने
बिगाड़ा
माहौल'
शिशेंग
ने
कहा
कि
CPEC
का
मुख्य
उद्देश्य
क्षेत्रीय
विकास
को
बढ़ावा
देना
है
लेकिन
हिंसक
माहौल
में
यह
संभव
नहीं
हो
पाएगा।
उन्होंने
कहा,
'मोदी
के
लाहौर
दौरे
के
बाद
उम्मीद
थी
कि
दोनों
देशों
के
बीच
रिश्तों
में
सुधार
होगा
लेकिन
पठानकोट
हमले
ने
अच्छे
माहौल
को
खराब
कर
दिया।
अब
नए
हमले
से
एक
बार
फिर
स्थिति
और
तनावपूर्ण
हो
गई
है,
जो
कि
CPEC
के
लिहाज
से
ठीक
नहीं
है।
ऐसे
हमलों
से
इसके
भविष्य
पर
असर
पड़ेगा।'
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SAARC
सम्मेलन
पर
भी
पड़ेगा
असर
भारत
पहले
की
CPEC
को
लेकर
अपनी
चिंता
जाहिर
कर
चुका
है
क्योंकि
यह
पाकिस्तान
अधिकृत
कश्मीर
से
होकर
गुजरता
है।
चीनी
नेता
ने
कहा
कि
अब
यह
देखना
होगा
कि
नवंबर
में
पाकिस्तान
में
होने
वाले
वाले
सार्क
सम्मेलन
में
क्या
होता
है।