CAA Protest: फिनलैंड और बेल्जियम में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन
ब्रसेल्स। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों की आग, भारत की सीमा से बाहर निकल गई फिनलैंड और बेल्जियम तक पहुंच गई है। फिनलैंड की राजधानी हेलंस्की में इस कानून के विरोध में लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जिसमें करीब 50 लोग शामिल हुए। इसके अलावा बेल्जियम से भी प्रदर्शनों की खबर है। बताया जा रहा है कि इन प्रदर्शनों में शामिल होने वाले छात्र भारतीय ही थे। 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल (कैब) के लोकसभा और फिर राज्यसभा से पास होने के बाद इस पर राष्ट्रपति ने साइन किए और यह एक कानून में तब्दील हो गया।
छात्रों ने बताया कानून को भेदभाव करने वाला
फिनलैंड में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा, 'भारत एक ऐसा देश रहा है जिसके नाम पर हर शख्स को उसकी पहचान जाने बिना स्वीकार करने का लंबा इतिहास रहा है। इस देश की संस्कृति, इसका इतिहास और इसकी परंपरा हमेशा से ही इसका अभिन्न अंग रहा है। नया नागरिकता कानून भेदभाव से भरा है और इसके तहत पर धर्म के आधार पर किसी शरणार्थी को शरण देने की बात कही गई है। ऐसे में यह लोगों के साथ भेदभाव करता है।' वहीं बेल्जियम में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और प्रोफेशनल्स की तरफ से भी इस कानून के खिलाफ आवाज उठाई गई। उनका कहना था कि यह नया कानून लोकतांत्रिक सिद्धांतों और भारत के संविधान के खिलाफ है। जर्मनी में भी छात्रों ने हाथ में बैनर्स और पोस्टर्स के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी का इजहार किया।
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— T R 😎😎😎 (@thaufikrahman19) December 23, 2019
दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक प्रदर्शन
भारत में भी लगातार कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली से लेकर असम और कोलकाता से लेकर बेंगलुरु तक प्रदर्शन हो रहे हैं। इन हिंसक प्रदर्शनों की वजह से कुछ लोगों की मौत भी हुई है। हिंसक प्रदर्शनों के बीच कई देशों की तरफ से अपने उन नागरिकों को आगाह किया जा रहा है जो भारत आ रहे हैं। रूस, अमेरिका, कनाडा, यूके और इजरायल की तरफ से भारत में और भारत आने वाले नागरिकों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। इन देशों की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि नागरिक उन इलाकों या जगहों में जाने से बचें जहां पर प्रदर्शनकारी मौजूद हैं।