ईरान में CIA के जासूसों को मिली मौत की सज़ा
ईरान का कहना है कि उसने 17 जासूसों को गिरफ़्तार किया है, जो अमरीकी ख़ूफ़िया एजेंसी सीआईए के लिए काम कर रहे थे और इनमें से कुछ को मौत की सज़ा दी गई है. ख़ुफ़िया मंत्रालय ने कहा है कि संदिग्ध सैन्य और परमाणु गतिविधियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा कर रहे थे. अमरीकी राष्ट्रपति ने इन दावों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट "पूरी तरह से झूठी" है.
ईरान का कहना है कि उसने 17 जासूसों को गिरफ़्तार किया है, जो अमरीकी ख़ूफ़िया एजेंसी सीआईए के लिए काम कर रहे थे और इनमें से कुछ को मौत की सज़ा दी गई है.
ख़ुफ़िया मंत्रालय ने कहा है कि संदिग्ध सैन्य और परमाणु गतिविधियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा कर रहे थे.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईरान के इन दावों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट "पूरी तरह से झूठी" है.
The Report of Iran capturing CIA spies is totally false. Zero truth. Just more lies and propaganda (like their shot down drone) put out by a Religious Regime that is Badly Failing and has no idea what to do. Their Economy is dead, and will get much worse. Iran is a total mess!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) 22 July 2019
हाल के दिनों में वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव काफ़ी बढ़े हैं.
इस तनाव की शुरुआत बीते साल तब हुई जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अमरीका को ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से बाहर कर लिया था.
ट्रंप ने समझौता तोड़ते हुए कहा था कि ये ईरान के हित के लिए है. ट्रंप ने बीते साल नवंबर में ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए.
ईरान ने सरकारी मीडिया के ज़रिए सोमवार को घोषणा की कि कथित जासूसों को पिछले 12 महीने के दौरान मार्च 2019 तक गिरफ़्तार किया गया था.
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शुक्रवार को ईरान ने होर्मूज़ की खाड़ी में ब्रितानी तेल टैंकर को ज़ब्त कर लिया था.
वहीं पिछले महीने ईरान ने एक अमरीकी ड्रोन को मार गिराया था और कहा था कि यह ईरान के एयर स्पेस में घुस गया था.
जबकि अमरीका ने ईरान के इस आरोपों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य गतिविधियां बढ़ गई थीं.