चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सेना को दो टूक-युद्ध के लिए तैयार रहो और अपनी ताकत बढ़ाओ
शंघाई। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को अपनी सेनाओं को युद्ध के लिए रेडी रहने को कहा है। जिनपिंग ने सेनाओं से साफ-साफ कहा है कि उन्हें देश की जरूरत समझनी होगी। साथ ही वह सब-कुछ करना होगा जिससे वह युद्ध के लिए तैयार हो सकते हैं। जिनपिंग की ओर से सेनाओं को यह आदेश उस समय दिया गया है जब उन्होंने पिछले दिनों ताइवान को धमकी दी थी। जिनपिंग ने ताइवान को धमकाते हुए कहा था कि वह इस द्वीप को चीन में मिलाने के लिए सेना की मदद ले सकते हैं लेकिन अगर शांतिपूर्वक हल निकल आए तो बेहतर रहेगा।
सेना को बढ़ानी होगी अपनी ताकत
जिनपिंग शुक्रवार को टॉप जनरल्स के साथ मीटिंग कर रहे थे। इसी मीटिंग में उन्होंने यह अहम बात कही है। चीन, साउथ चाइना सी पर बढ़ते विवाद के बीच ही अपनी सेनाओं की ताकत में इजाफा करना चाहता है। इसके अलावा ताइवान को ट्रेड स्टेटस दिए जाने पर अमेरिका के साथ उसका तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की ओर से कहा गया है कि जिनपिंग ने देश के टॉप मिलिट्री लीडर्स के साथ मीटिंग की है। इस मीटिंग में उन्होंने कहा है कि चीन अब कई तरह के खतरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूर है। इस वजह से सेनाओं को देश की सुरक्षा और डेवलपमेंट से जुड़े जरूरतों को समझना चाहिए।
सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन जिनपिंग
जिनपिंग चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने मीटिंग में कहा है कि सेनाओं को नए दौर के लिए एक सोची समझी रणनीति तैयार करनी होगी। इसके साथ ही उसे युद्ध की तैयारियों और इससे निबटेन की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। जिनपिंग ने कहा, 'दुनिया इस समय इस तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है जो इस सदी में इससे पहले कभी नहीं देखी गई थीं। चीन अभी तक डेवलपमेंट के लिए जरूरी रणनीतिक मौकों के अहम दौर में है।' जिनपिंग ने कहा है कि सेनाओं को आपातकाल का जवाब देने के योग्य और ज्वॉइन्ट ऑपरेशंस की क्षमताओं के अनुरूप खुद को अपग्रेड करना होगा।
ताइवान को दी थी धमकी
इसके साथ ही साथ उन्हें नई तरह की कॉम्बेट फोर्सेज से निबटना भी सीखना चाहिए। बुधवार को जिनपिंग ने बयान दिया था कि चीन के पास अभी तक यह अधिकार है कि वह सेनाओं के प्रयोग के बाद ताइवान के अपने में मिला सकता है। जिनपिंग ने ताइवान पर यह अहम बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कदम के बाद दिया है जिसमें उन्होंने एक कानून को साइन किया था। इस लॉ को एशिया रिएश्योरेंस इनीशिएटिव एक्ट कहते हैं। इस एक्ट पर उनके साइन के बाद अमेरिका, ताइवान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो गया है।