अपने बेस्ट फ्रेंड से भारत की जासूसी कराएंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
चीन में आने वाले दिनों सरकार में बड़े स्तर पर बदलाव होने वाले हैं। सूत्रों की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी को देश की इंटेलीजेंस एजेंसी अगला मुखिया बनाया जा सकता है।
बीजिंग। चीन में आने वाले दिनों सरकार में बड़े स्तर पर बदलाव होने वाले हैं। सूत्रों की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी को देश की इंटेलीजेंस एजेंसी अगला मुखिया बनाया जा सकता है। जिनपिंग ने इस समय देश में इंटेलीजेंस सिस्टम में मौजूद अंतर को दूर करने और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के मकसद में एक अभियान छेड़ा हुआ है। चीन ने घरेलू सुरक्षा तंत्र पर कई बिलियन डॉलर की रकम का निवेश किया है लेकिन इसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। इससे अलग देश का पब्लिक सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस सिस्टम बड़े भ्रष्टाचार से घिरा हुआ है।
कैसे भारत पर नजर रखेगा चीन
वांग शियाहोंग जिनकी उम्र करीब 60 वर्ष है और जो देश की पब्लिक सिक्योरिटी के उप-मंत्री है उन्हें पांच मार्च को देश का सिक्योरिटी मिनिस्टर बनाया जा सकता है। पांच मार्च से देश का संसद सत्र शुरू हो सकता है और इस दौरान ही चीन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। नेतृत्व से जुड़े तीन सूत्रों और दो विदेशी डिप्लोमैट्स की ओर से यह जानकारी दी गई है। वहीं 58 वर्ष के चेन को देश का टॉप प्रॉसिक्यूटर बनाया जा सकता है। चीन की स्टेट सिक्योरिटी मिनिस्टरी के पास देश की काउंटर-इंटेलीजेंस, विदेशी इंटेलीजेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा का जिम्मा होता है।
जिनपिंग की बेटी की करते थे देखरेख
वांग और राष्ट्रपति जिनपिंग कई वर्षों से एक-दूसरे से जुड़े हैं। वांग चीन के दक्षिणी-पूर्वी प्रांत फुजियान के रहने वाले हैं और यहां पर जिनपिंग ने अपनी जिंदगी के 17 वर्ष बिताए हैं। जिनपिंग साल 1985 से साल 2002 तक यहां पर रहते थे। वांग साल 1993 से 1998 तक फुजियान की राजधानी फुझोओ की पब्लिक सिक्योरिटी के डिप्टी डायरेक्टर रह चुके हैं। इसके अलावा वह साल 1998 से 2002 तक यहां के टॉप पुलिस अधिकारी थे। जिनपिंग साल 1990 से 1996 तक फुझोउ पार्टी के मुखिया था और साल 2002 तक वह प्रोविंशयल डिप्टी पार्टी सेक्रेटरी रहे थे। सूत्रों की मानें तो दोनो एक-दूसरे के काफी करीब हैं। एक समय ऐसा था जब वांग, जिनपिंग की बेटी की देखरेख के लिए जिम्मेदार थे।
तेजी से हुआ है वांग का उदय
एक और सूत्र की ओर से बताया गया है कि वांग का उदय उनके साथियों की तुलना में काफी तेजी से हुआ है। वांग एक फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते थे और साल 1979 में उन्होंने फुजियान की पुलिस फोर्स को ज्वॉइन किया था। हालांकि अभी तक इस पूरी जानकारी पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है। जिनपिंग ने घरेलू और विदेशी सुरक्षा और इंटेलीजेंस को अपनी प्राथमिकता बना लिया है।
चीन की इंटेलीजेंस फेल्योर बड़ी असफलता
जिनपिंग ने साल 2013 में सत्ता संभाली थी और उसके बाद चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग का गठन किया था। एक समय जिनपिंग इसका नेतृत्व कर रहे थे। हालांकि चीन की स्टेट सिक्योरिटी को कई बार बड़े स्कैंडल तक का सामना भी करना पड़ा है। चीन को हाल के वर्षों में कई बड़ी इंटेलीजेंस फेल्योर का सामना करना पड़ा है। इसमें सबसे अहम है शिनजियांग के उगईर प्रांत में मौजूद मुस्लिम आबादी का होना। यह समुदाय कहा जाता है कि दक्षिण पूर्व एशिया में टर्की के रास्ते होता हुआ चीन पहुंचा है।