पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल बाजवा के सामने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने दिया भारत को 'श्राप', CPEC के विरोधी कभी सफल नहीं होंगे
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान आर्मी के चीफ कमर जावेद बाजवा से कहा है कि जो देश या जो लोग चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर यानी सीपीईसी का विरोध कर रहे हैं, वे कभी सफल नहीं होगंगे। जिनपिंग कर मानें तो सीपीईसी के प्रोजेक्ट्स शांति और विकास को आगे बढ़ाने का मकसद से लॉन्च किए गए हैं। जिनपिंग का यह बयान ऐसे समय आया है मंगलवार को ही यूरोप के कुछ देशों की ओर से सीपीईसी को लेकर चीन के रवैये पर असंतोष जताया गया था। यूरोपियन यूनियन के तहत आने वाले कुछ संगठनों का मानना है कि चीन की कर्ज नीति कई यूरोपियन देशों को नुकसान पहुंचाने वाली है। दिलचस्प बात है कि भारत, सीपीईसी के विरोधी देशों में सबसे आगे है। ऐसे में उनका यह बयान कहीं न कहीं भारत पर निशाना भी माना जा रहा है।
भारत सीपीईसी का धुर विरोधी
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा तीन दिन के चीन दौरे पर बीजिंग पहुंचे हैं। करीब 60 बिलियन डॉलर की लागत वाला सीपीईसी प्रोजेक्ट जिनपिंग का फेवरिट प्रोजेक्ट है। यूरोपियन देशों की मानें तो यह प्रोजेक्ट दरअसल चीन के प्रभुत्व को दुनिया भर में कायम करने के मकसद से लॉन्च किया गया है। इन देशों के मुताबिक चीन खुद को ग्लोबल लीडर के तौर पर साबित करना चाहता है। बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) इस प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है जो पुराने समय की परियोजना सिल्क रोड की जगह लेगी। बीआरआई के तहत सेंट्रल एशिया और यूरोप के कुछ देश आते हैं। सीपीईसी, पीओके से होकर गुजरता है और भारत को इसी बात पर आपत्ति है। भारत ने सीपीईसी को देश की अखंडता और संप्रभुता पर हमला बताया है।
चीन की मदद का शुक्रगुजार पाकिस्तान
जनरल बाजवा अपने चीन दौरे पर राष्ट्रपति जिनपिंग के अलावा कई सीनियर चीनी आर्मी ऑफिसर्स से मुलाकात कर रहे हैं। बाजवा ने जिनपिंग से मुलाकात के समय कहा है, 'पाकिस्तान की सेना हमेशा शांति कायम करने की दिशा में काम करती है लेकिन साथ ही तमाम खतरों को दूर करने के लिए भी उसका मजबूत रहना जरूरी है।' बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान और यहां की सेना चीन की तरफ से उसे मिल रहे समर्थन की कद्र करती है। जिनपिंग ने खास न्यौता देकर बाजवा को बुलाया था। जिनपिंग और बाजवा ने सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की। सीपीईसी के लिए इस समय 10,000 से भी ज्यादा चीनी मजदूर पाकिस्तान में मौजूद हैं। पाकिस्तान सेना की स्पेशल सिक्योरिटी डिविजन के 15,000 सैनिक जिसमें 9,000 पाकिस्तान आर्मी के जवान और 6,000 पैरा-मिलिट्री के जवान शामिल हैं, हर पल चीनी मजदूरों की सुरक्षा में लगे रहते हैं।
चीनी प्रभाव से परेशान अमेरिका
अमेरिकी रक्षा विभा पेंटागन की ओर से एक रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस को भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि चीन की तरफ से हथियारों का निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन अपनी बॉर्डर फॉरेन पॉलिसी के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के मकसद से ही हथियारों को निर्यात कर रहा है। इसका सुबूत है कि पाकिस्तान को हथियारों की बिक्री हो रह है और पाक की तरफ से चीन में यूएवी की मांग भी की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है साल 2012 से साल 2016 तक चीन दुनिया का पांचवां ऐसा देश रहा जिसने 20 बिलियन डॉलर की रकम के साथ सबसे ज्यादा हथियार सप्लाई किए है। इसमें से आठ बिलियन डॉलर के हथियार तो सिर्फ पाक को दिए गए थे।