Special Report: गलवान में भारत से जमकर पिटने के बाद चीन में नया मिलिट्री ट्रेनिंग सिस्टम लागू
भारत से बॉर्डर विवाद और अमेरिका से टेंशन के बीच चीन ने अपनी सेना के लिए नये मिलिट्री ट्रेनिंग प्रोग्राम को लॉन्च किया है।
बीजिंग: भारत के साथ LAC पर मार खाने के बाद चीन को पता चल चुका है कि उसकी सेना बेहद कमजोर है। चीन अब समझ चुका है चीनी सेना PLA के पास युद्ध लड़ने की ना तो क्षमता है और ना ही पर्याप्त ट्रेनिंग है। लिहाजा अब चीन अपनी सेना को नये सिरे से ट्रेनिंग देने जा रहा है ताकि चीनी सेना की इतनी पिटाई ना हो सके। चीन ने अपनी नई मिलिट्री ट्रेनिंग सिस्टम का खुलासा कर दिया है। ये खुलासा राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इजाजत मिलने के बाद किया गया है जिसके तहत चीनी आर्मी अत्याधुनिक हथियारों के साथ नये अंदाज में ट्रेनिंग करेगी।
चीन का नया मिलिट्री ट्रेनिंग सिस्टम
भारत और अमेरिका से लगातार तनाव के बीच चीनी सेना ट्रेनिंग के नये नये तरीकों को आजमाने का काम कर रही है। अब चीनी सेना ने ट्रेनिंग के नये तरीके का खुलासा किया है, जिसके जरिए चीनी सेना अपनी ताकत और लड़ाई के नये तरीकों को युद्धाभ्यास में शामिल करेगी। चीनी सेना के नये ट्रेनिंग का मकसद सेना को वर्ल्ड क्लास बनाना है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी सेना के सीक्रेट मिशन को राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इजाजत मिलने के बाद सार्वजनिक किया है। चीनी सेना के नई ट्रेनिंग तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये पूरी तरह से युद्ध की तरह हो। चीनी मिलिट्री एनलिस्ट का कहना है कि मिलिट्री ट्रेनिंग सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है जैसे ये ट्रेनिंग नहीं बल्कि असली लड़ाई है और किसी भी हाल में दुश्मनों को परास्त करना है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 'चीनी सेना को नये तरीके से ट्रेन करने का मकसद उनकी शक्ति को बढ़ाना है ताकि वो असली लड़ाई के दौरान दुश्मनों पर भारी पड़े'
शिन्हुआ न्यूज के मुताबिक, युद्ध ट्रेनिंग के दौरान चीनी सेना को विपरीत परिस्थितियों में लड़ाई करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें लड़ाई मैनेजमेंट की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। चीनी सेना PLA ने इस नये ट्रेनिंग सिस्टम के बारे में डिटेल्ड जानकारी पब्लिश की है। जिसमें कहा गया है कि मिलिट्री ट्रेनिंग का डिजाइन असली युद्ध की तरह ही किया गया है जिसमें ज्वाइंट एक्सरसाइज पर ज्यादा जोर दिया गया है और युद्ध में टेक्नोलॉजी का कैसे इस्तेमाल किया जाए, ये सेना के जवानों को सिखाया जाएगा। इनके अवाला PLA की नई ट्रेनिंग सिस्टम में जवानों के टैलेंट को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा तो उनकी ट्रेनिंग में निश्चित पैटर्न, कानून और युद्ध कैसे जीता जाए, इसे शामिल किया जाएगा। इस ट्रेनिंग में अलग अलग देश की सेना के युद्ध लड़ने का तरीका क्या है इसकी क्लास भी मिलिट्री को दी जाएगी।
अधिकारियों को भी ट्रेनिंग
PLA ने कहा है कि नई ट्रेनिंग व्यवस्था के तहत अधिकारियों को भी लाया गया है। यानि, ये ट्रेनिंग सिर्फ जवानों के लिए ही नहीं है बल्कि कमांडर स्तर के सैनिकों को भी ट्रेनिंग में शामिल किया जाएगा। इसके लिए एक वास्तविक लगने वाला युद्ध का मैदान तैयार किया जाएगा और जरूरत के हिसाब से युद्द के मैदान में बदलाव भी किए जाएंगे। चायनीज मिलिट्री एक्सपर्ट Song Zhongping ने चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया है कि मिलिट्री को पहले जो ट्रेनिंग दी जाती थी उसकी तुलना में नई ट्रेनिंग व्यवस्था काफी अलग है। इस ट्रेनिंग के दौरान जवानों को और ज्यादा मानसिक स्तर पर मजबूत किया जाएगा और लड़ाई का वास्तविक मैदान तैयार कर दो-दो के ग्रुप में लड़ाई लड़ने की ट्रेनिंग की जाएगी ताकि दोनों एक समान स्किल्ड और काफी ज्यादा ट्रेंड हो सकें।
चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, मिलिट्री ट्रेनिंग में नये तरीकों को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत नये नये हथियार ट्रेनिंग के दौरान सैनिकों के पास उपलब्ध रहेंगे ताकि ट्रेनिंग के दौरान वो समझ सकें कि युद्ध का मैदान इससे अलग नहीं होता है।
चीन सेना की कमजोरी
चीनी एक्सपर्ट मानते हैं कि चीनी सेना के लिए नई ट्रेनिंग व्यवस्था काफी जरूरी है। चीनी एक्सपर्ट Song Zhongping के मुताबिक, 'अमेरिका की सेना दुनिया के अलग अगह हिस्सों में लड़ती रहती है। यूएस मिलिट्री का ऑपरेशन पूरी दुनिया में चलता रहता है लिहाजा उनके पास लड़ने के कई ऑप्शन होते है और उनका वर्चस्व बना रहता है। अमेरिकन सेना के पास लड़ाई के कई अनुभव हैं जबकि चीन के साथ ऐसी बात नही है। चीनी सेना ने आखिरी लड़ाई 1962 में भारत के विरूद्ध लड़ी थी और जो नये चीनी सैनिक हैं, उनके पास युद्ध में कैसे लड़ना है इस बात का तजुर्बा बिल्कुल नहीं है। लिहाजा अमेरिकन सेना की तुलना में चीनी सैनिकों के पास ट्रेनिंग और एक्सपोजर काफी कम है। लेकिन, नई हाई क्वालिटी ट्रेनिंग शुरू हो जाने के बाद चीनी सेना भी लड़ाई के तजुर्बे को हासिल कर सकती है।
चीनी सेना की इस नई ट्रेनिंग में छद्मयुद्ध से बचने का तरीका सिखाया जाएगा ताकि युद्ध के बनते माहौल के बीच चीनी सेना अमेरिकन फौज की तरह मजबूत हो और अगर कभी युद्ध का माहौल बनता है तो तो चीनी सेना फौरन युद्ध में शामिल हो सके। दरअसल, बदलते वैश्विक परिदृश्यों के बीच चीन का डर सामने आ चुका। LAC पर भारतीय सैनिकों से पिटाई खाने के बाद चीनी सेना यानि PLA पूरी तरह से ट्रेन्ड होना चाहती है। साथ ही अमेरिका से मिल रही चुनौतियों के बीच चीन अपनी सेना को हाई-लेवल ट्रेनिंग देकर पूरी तरह से तैयार करना चाहता है। चीनी एक्सपर्ट्स ने ग्लोबल टाइम्स में छिपे शब्दों में कहा है कि भारतीय सैनिकों के आक्रामक रवैये से चीनी सेना के जवान डर गये थे।
चीनी सेना का हाईलेवल ट्रेनिंग क्यो?
चीन के खिलाफ अमेरिका पूरी तरह से आक्रामक है और साउथ चायना सी में अमेरिकन वॉरशिप कई बार ताइवान के चक्कर लगा चुका है। इसके साथ ही ताइवान स्ट्रेट में भी अमेरिकन नेवी लगातार नजर आ रही है ऐसे में बौखलाए हुए चीन के पास कोई दूसरा ऑप्शन भी नहीं दिख रहा है और चीन अपनी सेना को वार ट्रेनिंग देने में जुट गई है। इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्टूबर 2017 में नेशनल कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चायना नेशनल कांग्रेस को संबोधित करते हुआ कहा था कि चीन 2035 तक अपनी सेना नेशनल डिफेंस और आर्म्ड फोर्स को पूरी तरह से अत्याधुनिक करेगा। और 2050 तक PLA को वर्ल्ड की नंबर-1 सेना बनेगी और माना जा रहा है कि चीनी सेना के लिए नई ट्रेनिंग व्यवस्था चीनी राष्ट्रपति के उसी प्लान का एक हिस्सा है।
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