क्या सर्दियों में फिर घुसपैठ करेगा ड्रैगन? भारतीय सीमा के पास रात में दाग रहा भीषण गोले, युद्ध की तैयारी?
चीन की सेना एक तरफ भारतीय सेना से बात कर रही है तो दूसरी तरफ सीमा पर घातक हथियारों की तैनाती की जा रही है और रात के वक्त पीएलए अपने सैनिकों को लड़ने की ट्रेनिंग दे रहा है।
बीजिंग, सितंबर 20: पिछले साल भारतीय सेना से बुरी तरह पिट चुकी चीन की सेना भारतीय सीमा के पास भीषण युद्ध की तैयारी कर रही है। चीन की सेना ने रात के समय हमले करने की तैयारियां शुरू कर दी है और चीनी मीडिया के मुताबिक, पीएलए ने रात के पास भारतीय सीमा के पास भारी बमबारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, हिमालय से लगती भारतीय सीमा के पास चीन की तरफ से घातक हथियारों की तैनाती की गई है और माना जा रहा है की चीन भारत पर भारी दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है।
भारतीय सीमा के पास बमबारी
चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक भारतीय सीमा के पास चीन की सेना पीएलए ने अत्याधुनिक घातक हथियारों की तैनाती शुरू कर दी है। एक तरफ भारत के साथ बातचीत करने वाला चीन की नीयत पर अब गंभीर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। माना जा रहा है कि चीन की सेना रात के समय युद्ध लड़ने में सक्षम नहीं है, खासकर हिमालय की परिस्थितियों में, लिहाजा चीन अपने सैनिकों को घातक हथियारों के साथ रात के वक्त लड़ने की ट्रेनिंग दे रहा है।
5400 मीटर की ऊंचाई पर युद्धाभ्यास
चीनी सेना के अखबार पीएलए डेली के मुताबिक, सर्द मौसम की शुरुआत के बाद से,शिनजियांग सैन्य जिले में कई चीनी सुरक्षा बल लगभग 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर रात्रि युद्धाभ्यास कर रहे हैं। कंपनी कमांडर यांग यांग ने समाचार पत्र को बताया कि, "हमने अपने शेड्यूल में संशोधन किया है और सैनिकों से उच्च ऊंचाई वाले प्रशिक्षण के लिए उच्च मानकों को पूरा करने की मांग की है क्योंकि हमें काफी ऊंचे क्षेत्रों में बढ़ती चुनौतियों के बीच एक कठोर युद्ध के माहौल से निपटने की जरूरत है।"
जमा किए घातक हथियार
कंपनी कमांडर यांग ने कहा कि चीन की मैकेनाइज्ड फोर्स बर्फीले ऊंचे इलाकों को बिना रोशनी के पार कर रहा है और रात के समय लाइव-फायर मशीन गन अभ्यास कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि नए प्रकार के पीएचएल-11 ट्रक पर लगे स्व-चालित 122 मिमी मल्टीपल सिस्टम रॉकेट लॉन्चर को क्षेत्र में तैनात किया गया है और सटीक स्ट्राइक ड्रिल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले यह बताया गया था कि उन्हें भारत के साथ विवादित सीमा के पास लाइव फायर ड्रिल के लिए तिब्बती पठार पर तैनात किया गया था। बीजिंग में युआन वांग सैन्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के एक शोधकर्ता झोउ चेनमिंग ने कहा कि स्व-चालित मोर्टारों की सीमा 50 किमी (30 मील) तक होती है और यह सेकंड के भीतर एक तोपखाने की जगह को मिटा सकता है। झोउ ने कहा कि, "पश्चिमी थिएटर कमांड में हथियार प्रणालियों और उपकरणों के मौजूदगी में हाल के वर्षों में तेजी आई है, जिसकी वजह भारत के साथ सीमा पर तनाव है।"
विध्वंसक हथियारों के साथ युद्धाभ्यास
आपको बता दें कि, चीन की पश्चिमी थिएटर कमांड में शिनजियांग और तिब्बत सैन्य जिले शामिल हैं और भारत के साथ विवादित सीमा पर सीमा सुरक्षा के लिए यही कमांड जिम्मेदार है। जिसमें पिछले साल दोनों सेनाओं के बीच लंबे समय तक गतिरोध देखा गया था। पीएलए के पूर्व प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग ने कहा कि, पश्चिमी सैन्य कमान में लगभग सभी पुरानी पीढ़ी के जे -7 लड़ाकू जेट विमानों को उन्नत जे -16 मल्टीरोल स्ट्राइक फाइटर से बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि, "सभी उन्नत हथियारों को नियमित अभ्यास के माध्यम से बार-बार परीक्षण करने की आवश्यकता होती है, और उच्च ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले पायलटों को आधुनिक संयुक्त अभियान में जमीन पर मौजूद फोर्स के साथ लगातार सहयोग की जरूरत होती, इसीलिए ये युद्धाभ्यास काफी जरूरी है''
पुराने हथियार बदल रही है पीएलए
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक करीबी सूत्र के अनुसार, चीन की सेना ने 2025 तक अपने सभी 300 जे-7ए को 200 जे-16एस से बदलने की योजना बनाई है। डोकलाम पठार पर भारत के साथ 2017 के गतिरोध के बाद पीएलए ने हिमालयी सीमा पर उच्च ऊंचाई वाले नजर रखने वाली चौकियों का निर्माण शुरू किया है। निजी उद्यमों द्वारा विकसित नई तकनीकों को भी उच्च ऊंचाई पर तैनात किया गया है ताकि सैनिकों को शत्रुतापूर्ण वातावरण से निपटने में मदद मिल सके। स्टेट ब्रॉडकास्टर चाइना सेंट्रल टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें राशन, गोला-बारूद और ईंधन देने के लिए ट्रांसपोर्टर, साथ ही गर्म टैंट, ड्रोन और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।