G7 में भारत को शामिल करने के डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर बोला चीनी मीडिया- आग से खेल रहा है भारत
बीजिंग। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके देश को जी7 संगठन में शामिल करने का प्रस्ताव दिया। पीएम मोदी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और अब इस पर चीन के मीडिया को मिर्ची लग गई है। चीन की मीडिया ने इस पर अब टिप्पणी की है और कहा है कि भारत आग से खेल रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस संगठन में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, रूस और साउथ कोरिया को भी इनवाइट किया है। इस पूरे मसले पर चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से पहले ही प्रतिक्रिया दी जा चुकी है।
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भारत के फैसले पर मीडिया की नजर
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव पर सकारात्मक तौर पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें जी7 का विस्तार करके इसे जी11 या जी12 में तब्दील किया जा रहा है जिसमें भारत को भी शामिल किया गया है।' ग्लोबल टाइम्स ने इस पर भी ध्यान दिया है कि भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में इस विस्तार को कोविड-19 के बाद दुनिया के सामने आने वाली वास्तविकताओं को ध्यान में रखने वाला करार दिया है।
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चीन को हराने के लिए चाहिए भारत का साथ
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक जी7 का विस्तार कई प्रकार की भौगोलिक आकलन के साथ है जिसका साफ मकसद चीन को रोकने की कोशिशें करना है। अमेरिका भारत को अपने साथ लाना चाहता है क्योंकि वह दुनिया की पांचवीं तेजी से बढ़ती हूई अर्थव्यवस्था है। साथ ही भारत को अमेरिका हिंद-प्रशांत रणनीति का एक अहम हिस्सा मानता है। अमेरिका बहुत समय से चीन को इस क्षेत्र में पराजित करने के लिए भारत का मजबूत चाहता था। भारत की तरफ से ट्रंप के प्लान को दी गई सकरात्मक प्रतिक्रिया से हैरान होने की जरूरत नहीं है। इस बड़ी ताकतवर महत्वाकांक्षा के साथ भारत हमेशा से अग्रणी अंतरराष्ट्रीय संगठनों में हिस्सेदारी रखना चाहता है।
साल 2019 से बदला भारत का रवैया
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत और चीन के बीच हाल ही में बॉर्डर पर टेंशन बढ़ी है। भारत जी7 के प्रस्ताव का समर्थन करके चीन को भी एक बड़ा संकेत देना चाहता है। कई भारतीय रणनीतिकार मानते हैं कि उनके देश को चीन पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका के करीब होना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक जब से पीएम मोदी ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया है, तब से ही भारत का रवैया चीन के लिए बदल गया है। सिंतबर 2019 में ही भारत सरकार ने फैसला किया कि वह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान अमेरिका वाले चार देशों वाले संगठन के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाएगा।
रिश्ते बिगाड़ना भारत के हित में नहीं
अखबार के मुताबिक अगर भारत जल्दबाजी में चीन को कल्प्नात्मक शत्रु मानकर किसी ऐसे छोटे घेरे में शामिल होता है तो फिर चीन के साथ उसके रिश्ते बिगड़ेंगे। अखबार ने भारत को धमकाया है और कहा है कि यह भारत के हित में नहीं होगा। वर्तमान समय में द्विपक्षीय रिश्ते पहले ही धरातल में जा रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत-चीन के रिश्ते इस समय ऐसी स्थिति में हैं जहां पर दोनों देशों के नेता तय कर सकते हैं कि इन्हें किस तरह से आगे बढ़ाना है। आखिर में बिगड़े हुए रिश्ते बस सामाजिक स्तर पर होने वाली कोशिशों से ट्रैक पर नहीं आ सकते हैं।