ब्रह्मोस पर भारत को धमकाने के बाद चीन ने निकाला खतरनाक लड़ाकू विमान
बीजिंग। भारत ने इधर हिमालय पर ब्रह्मोस की तैनाती का फैसला लिया और उधर चीन ने अपने छिपे खतरनाक हथियारों अब दिखाना शुरू कर दिया है। भारत के अरुणाचल प्रदेश के पूर्व में तिब्बत के इलाके में चीन के टॉप स्टील्थ खतरनाक लड़ाकू विमान J20 के होने की तस्वीरें सामने आई हैं। इस टॉप स्टील्थ लड़ाकू विमान को दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर देखा गया है। चीन ने कुछ दिन पहले ही भारत के अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती के कदम का विरोध किया था।
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पीएम मोदी की चीन यात्रा से ठीक पहले दिखा है यह विमान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 समिट में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करने वाले हैं और ठीक इसी समय पर तिब्बत से चीन के इस लड़ाकू विमान की तस्वीरें आई हैं जिसे दुनिया की नजरों से छिपा कर रखा गया था। ये तस्वीरें ट्विटर के साथ-साथ डिफेंस की साइटों पर दिख रही हैं। तिब्बत के एयरपोर्ट पर इस लड़ाकू विमान को खड़ा करने के पीछे चीन का क्या मकसद हो सकता है?
आखिर चीन चाहता क्या है?
तिब्बत के जिस एयरपोर्ट पर यह लड़ाकू विमान खड़ा है वह समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊंचाई पर है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित एयरपोर्ट है। इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन या गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी हो जाती है। लेकिन चीन यह दिखाना चाहता है कि इतनी ज्यादा ऊंचाई पर भी कामयाबी से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान उसके पास हैं।
कितना खतरनाक है यह लड़ाकू विमान
चीन का यह विमान जहां काफी ऊंचाई से उड़ने की क्षमता रखता है वहीं यह रडार की पकड़ में भी नहीं आता। चीन के इस J20 लड़ाकू विमान में दो इंजन लगे हैं। दिसंबर 2010 में यह खबर आई थी कि चीन इस सुपरसोनिक विमान को बना रहा है। जनवरी 2011 में इसने पहली उड़ान भरी। उसके बाद से चीन इसे दुनिया की नजरों से छिपाता रहा है। यह अन्य लड़ाकू विमानों से अलग और खास है। भारत के पास अभी इसके टक्कर का कोई लड़ाकू विमान नहीं है।
अरुणाचल में ब्रह्मोस पर भड़का था चीन
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस 290 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर सुरक्षा के लिए भारत ने इसे तैनात करने का फैसला किया तो चीन भड़क गया। उसने धमकाते हुए कहा कि भारत टकराव के नजरिए से ऐसा कर रहा है और इससे इलाके में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। चीन इसलिए भी घबराया हुआ है क्योंकि ब्रह्मोस के टक्कर का कोई मिसाइल उसके पास नहीं है। ब्रह्मोस एक सेकेंड में एक किलोमीटर की रफ्तार से भागता है जबकि चीन के पास जो मिसाइल है वह एक सेकेंड में महज 290 मीटर जा पाता है। ब्रह्मोस का निशाना भी अचूक है।
ब्रह्मोस में है वियतनाम को रुचि
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल वियतनाम की यात्रा पर हैं। वियतनाम ने ब्रह्मोस मिसाइल में रुचि दिखाई है और इस पर प्रधानमंत्री मोदी से बात होने वाली है।
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