LAC पर तनाव के बीच मॉस्को में चीनी विदेश मंत्री के साथ लंच पर मिलेंगे एस जयशंकर
मॉस्को। लद्दाख से कई हजार किलोमीटर की दूरी पर रूस की राजधानी मॉस्को में हलचल बढ़ने वाली है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को पहुंच चुके हैं और उनके चीनी समकक्ष वांग वाई भी यहां मौजूद हैं। दोनों शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। दोनों ऐसे समय में मॉस्को में हैं जब सात सितंबर को भारत और चीन ने एक-दूसरे की सेनाओं पर फायरिंग का आरोप लगाया है। 10 सितंबर को दोनों की मीटिंग होने वाली हैं।
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मीटिंग से पहले जयशंकर का बड़ा बयान
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि चीन के स्टेट काउंसिलर वांग वाई, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री के साथ लंच मीटिंग में शामिल होंगे। एस जयशंकर मंगलवार रात ईरान होते हुए मॉस्को पहुंचे हैं। एस जयशंकर नौ से 11 सितंबर तक मॉस्को में होंगे। विशेषज्ञों की मानें तो हालिया घटनाक्रम के बाद इस बात की उम्मीद करना कि भारत-चीन सीमा पर हालात ठीक हो सकते हैं, बेईमानी होगा। इस वर्ष अक्टूबर में मॉस्को में ही एससीओ सम्मेलन का आयोजन हो सकता है। वांग वई से मुलाकात करने से पहले जयशंकर ने कहा है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हालात बेहद गंभीर हैं। इससे पहले जयशंकर ने एक बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री ने कहा है कि बॉर्डर पर हालातों को रिश्तों की वर्तमान स्थिति से अलग नहीं किया जा सकता है।एस जयशंकर ने कहा कि वर्तमान स्थिति बहुत ही ज्यादा गंभीर है और इस पर दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर गहन चर्चा की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, 'अगर बॉर्डर पर शांति और स्थिरता नहीं है तो फिर संपूर्ण रिश्ते पहले जैसे नहीं हो सकते हैं।'