साउथ चाइना सी पर अमेरिका की गश्त, चीनी सुखोई जापान के करीब
बीजिंग।
चीन
ने
पहली
बार
अपने
फाइटर
जेट
सुखोई-30
को
जापान
के
करीब
भेजा
है
और
दोनों
ही
सरकारों
की
ओर
से
सोमवार
को
इसकी
पुष्टि
भी
की
गई
है।
दिलचस्प
बात
है
कि
यह
जेट्स
ठीक
उस
समय
भेजे
गए
हैं
जब
अमेरिका
और
जापान
दोनों
ने
विवादित
साउथ
चाइना
सी
पर
गश्त
करने
का
फैसला
किया
है।
रविवार को नजर आए सुखोई
रविवार को मियाको स्ट्रेट पर चीन के फाइटर जेट नजर आए। यह जगह मियोको और ओकिनावा द्वीप के बीच में है। चीन की रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट की ओर से जो बयान जारी किया गया है उसके मुताबिक पश्चिमी पैसेफिक पर ट्रेनिंग के लिए यह फाइटर जेट भेजे गए हैं।
बढ़ रहा है तनाव
सुखोई-30 के अलावा बॉम्बर्स और रि-फ्यूलिंग एयरक्राफ्ट ने जापान के एयरस्पेस का उल्लंघन तो नहीं किया लेकिन इस नए घटनाक्रम के बाद तनाव फिर से बढ़ता नजर आ रहा है।
जापान के रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यह पहली बार है जब चीन के फाइटर जेट्स स्ट्रेट से गुजरे हैं।
साउथ चाइना सी पर अब जापान
वहीं चीन का कहना है कि मिलिट्री ड्रिल का मकसद समुद्र में उसकी लड़ाई की क्षमता को परखना है। पिछले वर्ष मियाको के करीब चीन ने पहली बार मिलिट्री और जासूसी एयरक्राफ्ट भेजे थे।
इस माह की शुरुआत में जापान के रक्षा मंत्री टोमोमी इनाडा ने कहा था कि जापान साउथ चाइना सी पर अमेरिकी नेवी के साथ मिलकर अपनी गतिविधियां बढ़ाएगा। साथ ही वह क्षेत्रीय नौसेनाओं के साथ भी मिलिट्री ड्रिल करेगी।