उत्तराखंड में चीन बॉर्डर के करीब क्रैश हुआ चीनी सेना का हेलीकॉप्टर!
बीजिंग।
चीन
की
सेना
के
एक
हेलीकॉप्टर
के
क्रैश
होने
की
खबरें
हैं।
यह
हेलीकॉप्टर
उत्तराखंड
में
लाइन
ऑफ
एक्चुअल
कंट्रोल
(एलएससी)
के
करीब
क्रैश
हुआ
है।
हालांकि
अभी
तक
न
चीन
की
तरफ
से
इस
पर
कुछ
कहा
गया
है
और
न
ही
भारत
की
तरफ
से
इस
पर
कुछ
टिप्पणी
की
गई
है।
आपको
बता
दें
कि
भारत
और
चीन
के
बीच
इस
समय
पूर्वी
लद्दाख
स्थित
एलएसी
पर
तनाव
जारी
है।
दोनों
देशों
की
सेनाएं
पिछले
करीब
90
दिनों
से
आमने-सामने
हैं।
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चीन की तरफ छाई खामोशी
घटना शुक्रवार दोपहर को हुई है और जो हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है वह पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का हार्बिन Z9 हेलीकॉप्टर था। बताया जा रहा है कि यह हेलीकॉप्टर खराब मौसम की वजह से क्रैश हुआ है। उत्तराखंड वह राज्य है जहां पर न केवल चीन बल्कि नेपाल का भी बॉर्डर है। चीन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए जुलाई के पहले हफ्ते में चीन बॉर्डर के करीब इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 और हेलीकॉप्टर एमआई-17 की लैंडिंग कराई गई थी। उत्तराखंड के चिनयालिसौर एयरस्ट्रिप पर इन एयरक्राफ्ट को लैंड किया गया था। चिनयालिसौर उत्तराखंड के चिनयालिसौर एयरस्ट्रिप पर इन एयरक्राफ्ट को देखा गया है।
चीन बॉर्डर से 125 किमी उतरा एयरक्राफ्ट
चिनयालियौर एयरस्ट्रिप, आईएएफ का एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड है और यहां से चीन बॉर्डर की दूरी 125 किलोमीटर है। यह जगह उत्तरकाशी जिले में आती है और रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी अहम है। साल 2018 में आईएएफ की ड्रिल गगन शक्ति के तहत यहां पर रणनीतिक तैयारियों को परखने के लिए एएन-32 ने पहली बार लैंडिंग की थी। भारत की तरफ से अब उत्तराखंड में चीन बॉर्डर के करीब भी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क आदि के तेजी से विकास पर जोर दिया जा रहा है। हाल ही में उत्तराखंड सरकार की तरफ से चीन बॉर्डर तक जाने वाली तीन महत्वपूर्ण सड़कों के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क में 70 हेक्टेयर की फॉरेस्ट लैंड की मंजूरी दे दी है।
उत्तराखंड में तेजी से सड़क निर्माण
राज्य में एक सड़क गरतंग गली रोड जो उत्तरकाशी जिले में आती है, वह भी शामिल है। यह भारत और तिब्बत के बीच एक बहुत पुरानी सड़क है। सूत्रों के मुताबिक ये सड़कें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के बेस कैंप को जोड़ती है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) यहां पर कई ऐसे पुलों का निर्माण कर रही है जिनके बाद सेना के मूवमेंट में आसानी हो सकेगी। उत्तराखंड वह राज्य है जहां पर न केवल चीन बल्कि नेपाल का भी बॉर्डर है। दोनों ही देशों के साथ इस समय भारत के रिश्ते बिगड़े हुए हैं।
चीन के साथ लद्दाख में बढ़ रहा तनाव
दूसरी तरफ भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने कहा है कि भारतीय सेना विवादित क्षेत्र में अतिरिक्त 35,000 जवानों की तैनाती जारी रखेगी। भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने लद्दाख की पैंगोंग त्सो पर अपने देश का दावा पेश कर कहा है कि उनका देश भारत के लिए रणनीतिक खतरा नहीं है और न ही उसका कोई विस्तारवादी एजेंडा है। विडोंग के मुताबिक चीन की पारंपरिक सीमा झील के उत्तर में एलएसी के मुताबिक ही है। विडोंग ने इस दावे को मानने से भी इनकार कर दिया कि चीन ने अपने पैंगोंग त्सो तक दावे को बढ़ा दिया है।