चीन के राजदूत भारत के साथ संबंधों पर बोले- एक घर में रहने वाले दो भाईयों के बीच भी होती है तकरार
नई दिल्ली। भारत में चीन के राजदूत लूओ झाओहुई ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक अहम बयान दिया है। झाओहुई ने कहा है कि भारत और चीन के बीच विवाद बहुत ही प्राकृतिक है। यह बिल्कुल उसी तरह के मुद्दे हैं जो उन दों भाईयों के परिवारों के बीच होते हैं जो एक ही छत के नीचे रहते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच जो भी मुद्दे हैं उन्हें दूरे करने के लिए भारत और चीन के बीच आम सहमति बनी है। लूओ ने यह बात न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में एक कार्यक्रम के दौरान कही।
रिश्तों को लेकर पहुंचे एक अहम पड़ाव पर
लूओ ने कहा भारत और चीन दोनों इस बात पर रजामंद हैं कि द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर किया जाना चाहिए। साथ ही दोनों देश यह भी चाहते हैं कि संबंध कभी उच्च स्तर पर तो कभी निम्न स्तर पर पहुंच जाते हैं, इस क्रम को भी तोड़ा जाना चाहिए। लुओ एक सेमिनार में थे और यहां पर न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, 'भारत और चीन के संबंध दोनों देशों के लिए काफी जरूरी है। दोनों देशों के नेतृत्व में हम एक सहमति पर पहुंच चुके हैं। अब हम भारत और चीन के संबंधों को एक स्वस्थ और स्थिर दिशा में बढ़ाने का काम करते रहेंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'अगले वर्ष दोनों देशों के संबंधों की 70वीं वर्षगांठ होगी। हमारे संबंधों की जो एक अहम बात है वह है कि इस तरह के अहम संबंधों में हमेशा उतार-चढ़ाव लगा रहता है। इसलिए हम भारत की सरकार के साथ मिलकर उस नतीजे पर पहुंचे हैं कि कैसे इन संबंधों को स्थिर रखा जाए और इस क्रम को तोड़ा जाए।'
डोकलाम के बाद आया था तनाव
भारत और चीन के बीच जून 2017 में डोकलाम विवाद हुआ था। इसके बाद दोनों देशों के बीच काफी तनाव था। लुओ ने उस दौरान तनाव को दूर करने में एक अहम रोल अदा किया था। चीनी राजदूत से जब पूछा गया कि उन्होंने किस तरह से भारत और चीन के संबंधो के बीच आए तनाव को डील किया था। इस पर उन्होंने जवाब दिया और बताया, 'दो महान पड़ोसी देशों के बीच कुछ गलत होना बहुत ही सामान्य बात है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि एक परिवार के दो भाई कुछ मुद्दों के बावजूद एक ही घर में अपने परिवार के साथ रहते हैं।' लुओ ने कहा कि किसी भी मुद्दे को बिल्कुल ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हमनें साथ में काम किया और इसे सुलझाया। साथ ही यह सुनिश्चित किया कि द्विपक्षीय संबंध सामान्य हो सकें। लुओ के मुताबिक यह उनका काम था और दोनों देशों के नेताओं ने भी इसमें रणनीतिक दिशा निर्देश देकर महान योगदान दिया।