India-China faceoff: अमेरिका के टॉप राजनयिक का दावा, कोविड-19 की आड़ में भारत की सीमा पर बड़ी साजिश कर रहा चीन
वॉशिंगटन।
अमेरिका
के
एक
शीर्ष
राजनयिक
ने
भारत-चीन
सीमा
पर
जारी
टकराव
पर
बड़ा
बयान
दिया
है।
अमेरिकी
राजनयिक
के
मुताबिक
भारत
की
सीमा
पर
चीन
ने
एक
साथ
कई
मोर्चों
को
खोल
दिया
है।
इससे
लगता
है
कि
चीन
कोई
बड़ी
साजिश
कर
रहा
है।
इस
अमेरिकी
राजनयिक
की
मानें
तो
चीन
यह
मान
बैठा
है
कि
कोविड-19
की
वजह
से
दुनिया
का
ध्यान
भटका
हुआ
है
और
ऐसे
में
वह
आसानी
से
इसका
फायदा
उठा
सकता
है।
इससे
पहले
अमेरिकी
विदेश
मंत्री
माइक
पोंपेयो
ने
15
जून
को
चीन
के
साथ
हुई
हिंसा
में
शहीद
हुए
भारतीय
सैनिकों
के
प्रति
अपनी
संवेदनाएं
जाहिर
की
हैं।
यह भी पढ़ें-गलवान नदी पर सेना के इंजीनियर्स ने तैयार किया पुल
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ट्रंप प्रशासन रख रहा है स्थिति पर नजर
चीन पर यह बड़ी टिप्पणी अमेरिका के पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने कही है। अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री स्टिलवेल ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन भारत-चीन की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। स्टिलवेल ने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए मीडिया से बात करते हुए कहा है कि चीन की भारत में हालिया कार्रवाई उसकी डोकलाम सहित भारतीय सीमा पर पहले की गई गतिविधियों की तरह ही है। स्टिलवेल के शब्दों में, 'कई मोर्चों पर चीन द्वारा ऐसा करने के पीछे वजह यह हो सकती है कि चीन को ऐसा लगता है कि अभी दुनिया का ध्यान भटका हुआ है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से उबर रही दुनिया का पूरा ध्यान लोगों की जान बचाने पर है, इस मौके को चीन ने फायदा उठाने के एक अवसर के तौर पर देखा होगा।'
अमेरिका रखे है करीबी नजर
उन्होंने चीन के भारत सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ आक्रामक रवैया अपनाने पर किए सवाल के जवाब में कहा, 'मैं इस पर सरकार का आधिकारिक रुख स्पष्ट नहीं कर रहा हूं लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसके ऐसा करने के कई स्पष्टीकरण मौजूद हैं।' स्टिलवेल ने कहा कि जाहिर तौर पर भारत-चीन सीमा विवाद पर अमेरिका करीबी नजर रख रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने ट्वीट किया और लिखा, 'हम चीन के साथ हुए संघर्ष में गंवाई जिंदगियों पर भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। हम हमेशा सैनिकों के परिवार, उनके प्यारे और उस समुदाय को याद रखेंगे जो शोक की इस घड़ी में हैं।'
अमेरिका ने किया सैनिकों की बहादुरी को सलाम
अमेरिका ने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों की बहादुरी को सलाम किया है। गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई थी। यह वार्ता बेनतीजा रही है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच जारी टकराव अब एक तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। 45 साल बाद एलएसी पर हुए संघर्ष में भारत कर्नल संतोष बाबू समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की तरफ सेकहा गया था, 'भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। भारत और चीन दोनों ने ही डि-एस्कलेशन की इच्छा जताई है और हम इस वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।'
पीएलए के कर्नल बोले गलवान घाटी चीन का हिस्सा
चीन ने 15 जून को हुए हिंसक टकराव के बाद गलवान घाटी पर अपना दावा कर दिया था। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली पहले ऐसे मिलिट्री ऑफिसर हैं जिन्होंने गलवान घाटी पर अपना हक जताया। पीएलए की वेस्टर्न थियेटर कमांडर के प्रवक्ता कर्नल झांग ने ठीक उस समय गलवान घाटी पर दावा ठोंक दिया जब इंडियन आर्मी की तरफ से यहां पर हिंसक टकराव की पुष्टि की गई। चीन के विदेश मंत्रालय की तर्ज पर ही कर्नल झांग ने कहा भारतीय सेना के जवानों ने एलएसी को पार किया। वह साथ ही यह बात भी जोर देकर कहते रहे कि गलवान घाटी पर चीन का संप्रभु अधिकार है। बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि गलवान घाटी का इलाका चीन की संप्रभुता के तहत आता है। इसके साथ ही चीन ने भारत को चेतावनी दी है कि वह सही रास्ते पर आकर इस मसले को सुलझाए।