चीन ने कहा-LAC पर भारत का जिद्दी रवैया डिसइंगेजमेंट में बड़ी बाधा
बीजिंग। चीन की सरकारी मीडिया ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी स्थिति के लिए भारत को दोषी ठहराया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक आर्टिकल में कहा है कि भारत के जिद्दी रवैये की वजह से ही लद्दाख में फॉरवर्ड लोकेशंस पर डिसइंगेजमेंट में बाधा आ रही है। आपको बता दें कि सोमवार 21 सितंबर को भारत और चीन के बीच छठें दौरे की कोर कमांडर वार्ता हुई है। इस वार्ता के बाद दोनों देशों की तरफ से एक ज्वॉइन्ट स्टेटमेंट जारी किया गया था।
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एक या दो मीटिंग्स में नहीं निकलेगा नतीजा
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक मोल्डो में हुई कोर कमांडर वार्ता के बाद एक ऐसी आशंका जोर पकड़ने लगी कि इस वार्ता को बढ़ते तनाव की वजह से कैंसिल किया जा सकता है। लेकिन बातचीत हुई और दोनों देश सांतवें दौर की वार्ता के लिए भी तैयार हैं जो कि जल्द ही होगी। इससे पता लगता है कि बॉर्डर पर तनाव को कम करने के लिए एक आपसी सहमति बनी हुई नजर आ रही है। दोनों देश इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि अब और ज्यादा जवानों का लद्दाख में नहीं भेजा जाएगा। अखबार की मानें तो जो लोग हालातों पर नजर रख रहे हैं, वो इसे एक सकारात्मक पहल बता रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक यह मान लेना कि सिर्फ एक या दो मीटिंग्स में ही समझौता विस्तार से लागू हो पाएगा, मुश्किल है।
चीन तय LAC का मान ले
अखबार में कहा गया है कि भारत हर बार अपना रुख बदलता है। यह भारत की रणनीति है और वह चाहता है कि चीन उस एलएसी को स्वीकार कर ले जिसे भारत ने निर्धारित किया हुआ है और साथ ही उन हालातों को भी मान ले जो संप्रभुता के नुकसान के बाद होने वाले हैं। चीन ने मिलिट्री और राजनयिक स्तर पर इस बात को मानने से ही इनकार कर दिया है। इसके बाद ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अगर भारत इसी तरह से अपना जिद्दी रुख प्रदर्शित करता रहा तो फिर डिसइंगेजमेंट कभी नहीं हो पाएगा। साथ ही आने वाले दिनों में होने वाली वार्ता और समझौते भी पूरी तरह से बेकार रहेंगे।