तिब्बत पर अमेरिका के रुख से भड़का चीन, दे डाली रिश्ते खराब होने की चेतावनी
बीजिंग। तिब्बत को लेकर चीन का रुख अब आक्रामक होता जा रहा है। चीन की तरफ से न सिर्फ इस मसले पर अमेरिका को चेतावनी दी गई है बल्कि उसके अधिकारियों पर भी वीजा प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बुधवार को इस मसले पर आधिकारिक बयान दिया गया। चीन ने यह कदम तब उठाया है जब अमेरिका ने चीनी अधिकारियों पर तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया और उन पर वीजा प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया।
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अमेरिका से कहा- आतंरिक मसलों से दूर रहो
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 8 जून को होने वाली रूटीन ब्रीफिंग में कहा है कि चीन, तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन (टीएआर) में किसी भी तरह का विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। लिजियान ने कहा, 'हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह तुरंत चीन के आतंरिक मसलों में तिब्बत से जुड़े मुद्दों के जरिए हस्तक्षेप करना बंद कर दे और गलत रास्ते पर और आगे तक न जाए नहीं तो यह दोनों देशों के संबंधों और आपसी सहयोग को नुकसान पहुंचा सकता है।' तिब्बत की सीमा भारत से लगी हुई है। यह दुनिया का एक ऐसा प्रांत है जहां पर सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं और कई प्रकार की सेंसरशिप है। चीन कभी भी विदेशी नागरिकों, खासतौर पर राजनयिकों और जर्नलिस्ट्स को तिब्बत में जाने की मंजूरी नहीं देता है। सिर्फ कुछ सीमित संख्या के साथ विदेशी पर्यटक प्रांत मेंघूमने के लिए जाते हैं। जो भी मेहमान आते हैं उनके साथ हमेशा हैंडलर्स रहते हैं और तभी उन्हें यहां पर जाने की मंजूरी दी जाती है।
अमेरिका ने लगाया अधिकारियों पर प्रतिबंध
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने चीन की सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। मंगलवार को पोंपेयो ने कहा है कि वह कुछ चीनी अधिकारियों का वीजा बैन बैन कर रहे हैं। पोंपेयो के मुताबिक चीन कभी भी अमेरिकी राजनयिकों, पत्रकारों और पर्यटकों को इस प्रांत में जाने से रोकता है। इस वजह से तिब्बत एक्ट के तहत वह चीनी अधिकारियों का वीजा प्रतिबंधित करते हैं। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद कितने चीनी अधिकारियों पर असर पड़ेगा इस बात की कोई जानकारी नहीं है। झाओ ने कहा है कि चीन, अमेरिका के इस फैसले का कड़ा विरोध करता है। झाओ के मुताबिक तिब्बत के मौसम और यहां की भौगोलिक स्थितियों के चलते चीनी सरकार को कुछ उपाय करनते पड़ते हैं जो विदेशी पर्यटकों पर लागू होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि साल 2015 से 2018 तक करीब 176,000 पर्यटक, अधिकारिक, पर्यटन, बिजनेस और दूसरे कामों की वजह से तिब्बत गए हैं।