दलाई लामा के दौरा खत्म लेकिन अभी तक तक ठंडा नहीं हुआ है चीन का गुस्सा, फिर आई धमकी
अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों का नाम बदलने के बाद चीन ने फिर से दी भारत को धमकी। कहा अगर भारत जारी रखेगा दलाई लामा को प्रयोग करने वाला खेल तो फिर भुगतना होगा बड़ा खामियाजा।
बीजिंग। अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों का नाम बदलने के बाद चीन की ओर से फिर भारत को धमकी आई है। चीन ने इस बार कहा है कि दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे के बाद अब भारत को इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की ओर से यह धमकी भरा आर्टिकल लिखा गया है।
चीन के आगे भारत कहीं नहीं टिकेगा
अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों का नाम बदलने के बाद चीन ने भारत पर फिर से हमला बोला है। चीन ने ऐलान किया है कि वह अरुणाचल के छह जगहों के नाम मानकीकृत कर रहा है। ये सभी वे जगहें हैं जिन पर चीन अपना हक जताता है। भारत की ओर से शुक्रवार को चीन के नाम बदलने की प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। भारत ने साफ कर दिया है कि अरुणाचल प्रदेश की हर इंच जमीन भारत की ही है।
चुकानी होगी बड़ी कीमत
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'भारत के लिए अब समय है कि वह इस बात पर गंभीर चिंतन करे कि चीन ने साउथ तिब्बत की जगहों का नाम मानकीकृत क्यों किया है। दलाई लामा कार्ड खेलना भारत के लिए कोई बुद्धिमान विकल्प नहीं था। अगर भारत इस तरह के ही छोटे खेल खेलना चाहता है तो फिर इस खेल का अंत उसे एक कीमत देकर चुकानी होगी।'
फिर बताया कौन कितना ताकतवर
आर्टिकल में लिखा है कि चीन, भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा ताकतवर देश है और अगर इस बात को मापा जाए कि कौन सा देश ताकतवर है तो फिर चीन को सीमा विवाद सुलझाने के लिए समझौते की जरूरत नहीं होगी। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक लगता है कि भारत, चीन के मुकाबले अपनी ताकत को मापने की जिद की वजह से एक जाल में फंस गया है। लेकिन सीमा विवाद कभी भी इन बातों के आधार पर नहीं सुलझाए जाते हैं कि कौन सा देश ज्यादा ताकतवर है।
साउथ तिब्बत चीन का हिस्सा
ग्लोबल टाइम्स ने बीजिंग के ऐलान को लेकर भारतीय मीडिया ने कैसी कवरेज दी है, इसका जिक्र भी किया है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि पिछले दो दिनों में कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों ने अरुणाचल प्रदेश की जगहों का नाम बदलने वाले बीजिंग के ऐलान को एक बदले की तरह करार दिया है जो कि विवादित क्षेत्र में 14वें दलाई लामा के अरुणाचल दौरे की वजह से लिया गया है। भारत की ओर से आ रही यह प्रतिक्रिया काफी हस्यास्पद है।
नाम बदलना चीन का हक
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक साउथ तिब्बत एतिहासिक तौर पर चीन का हिस्सा है और इसकी जगहों के नाम यहां के स्थानीय संस्कृति का हिस्सा हैं। चीनी सरकार के लिए यह वैध है कि वह इन जगहों के नाम को मानकीकृत करे। चीन के खिलाफ दलाई लामा को आगे करना भारत की एक चाल है। भारत सिर्फ इस वजह से इस क्षेत्र को अपना हिस्सा मानने लगा है क्योंकि दलाई लामा ऐसा कहते हैं।
भारत बढ़ा रहा है सीमा विवाद
इस आर्टिकल को आइ जुन ने लिखा है और इसमें कहा गया है कि चीन, भारत के साथ पिछले कई दशकों से सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिशों में लगा हुआ है। लेकिन भारत ने यहां पर न सिर्फ सेना को बढ़ाया है बल्कि इसका नाम भी बदलकर अरुणाचल प्रदेश कर दिया और वर्ष 1987 से इसे औपचारिक राज्य मानने लगा है।