चीन ने अपने नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया की यात्रा नहीं करने की दी सलाह, ये है वजह
नई दिल्ली। कोरोनो वायरस महामारी के बीच चीन ने एशियाई लोगों के साथ नस्लीय भेदभाव और हिंसा का हवाला देते हुए अपने नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया की यात्रा ना करने की सलाह दी है। चीनी संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार देर रात जारी किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि, कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के कारण ऑस्ट्रेलिया में चीनी और एशियाई लोगों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव और हिंसा में वृद्धि हुई है।
चीन की सरकार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि, चीनी सैलानी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने से बचें। हालांकि ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है। माना जा रहा है कि चीन ने यह कदम कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की जांच का समर्थन कर रहे आस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रतिशोध के कारण उठाया है। कोरोना वायरस के कारण ऑस्ट्रेलिया और चीन के रिश्तों में बीते कुछ दिनों के दौरान काफी खटास आई है।
ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा कुछ प्रतिबंध लगाए जाने के बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया की चार बड़ी मांस उत्पादक कंपनियों से आयात पर रोक लगा दी थी। साथ ही कई कृषि उत्पादों पर भी आयात शुल्क बढ़ा दिया। चीन ने जौ पर 80 फीसदी से ज्यादा शुल्क लगाकर फसल का आयात प्रभावी तरीके से बंद कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई बीफ के लिए चीन नंबर 1 बाजार है, यहां से लगभग 30 प्रतिशत बीफ चीन के लिए निर्यात किया जाता है। चीन ऑस्ट्रेलियाई जौ का सबसे बड़ा विदेशी खरीदार भी है।
ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री साइमन बर्मिंघम ने मंगलवार को कहा कि देश व्यापार युद्ध नहीं चाहता था। उन्होंने कहा कि चीन से डब्ल्यूटीओ के नियमों को लागू करने में तथ्य और कानून दोनों की त्रुटियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि, इस बात के कोई सबूत नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया उत्पादों की डंपिंग में लगा हुआ है।
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