अमेरिका के पूर्व जासूस का दावा, राष्ट्रपति चुनावों में चीन की वजह से हो सकती है ट्रंप की हार!
वॉशिंगटन। अमेरिका के एक टॉप इंटेलीजेंस अधिकारी ने कहा है कि चीन नहीं चाहता है कि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति चुने जाएं। इसके अलावा एक बार फिर रूस पर आरोप लग रहे हैं कि वह इन चुनावों में एक बार फिर हस्तक्षेप कर सकता है। इस वर्ष नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक एक बार फिर विदेशी हस्तक्षेप से नतीजों को प्रभावित किया जा सकता है। साल 2016 में जब ट्रंप पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे तो उस समय रूस के हस्तक्षेप का मुद्दा काफी गर्माया था।
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रूस कर रहा है ट्रंप की मदद!
बिल इवानिया, फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई) के एजेंट रह चुके हैं। उन्होंने कहा है कि चीन इस बार ट्रंप को हारते हुए देखना चाहता है। शुक्रवार को बिलल की तरफ से यह भी कहा गया है कि चीन, रूस और ईरान, तीनों देश इस बार चुनावों में हस्तक्षेप करने वाले हैं। उन्होंने कई ऐसी जानकारियां साझा की हैं जो वाकई चौंकाने वाली हैं। उन्होंने कहा कि साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनावों में जिस तरह से रूस ने चौंकाया था, इस बार भी वह इस बात की पूरी कोशिशें कर रहा है। बिल की मानें तो रूस इस बार ट्रंप के विरोधी डेमोक्रेटिक लीडर जो बाइडेन को नुकसान पहुंचाकर उन्हें फायदा पहुंचा सकता है। बिल के शब्दों में, 'हमारा अनुमान है कि रूस इस बार पूर्व अमेरिकी उप-राष्ट्रपति बाइडेन को नुकसान पहुंचाने के लिए कई उपाय कर सकता है और वह बाइडेन को रूस-विरोधी मानता है।' उन्होंने आगे कहा कि रूस की समर्थक यूक्रेन की सांसद एंड्री डेरकाछ भ्रष्टाचार के दावों को फैलाकर बाइडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी को कमजोर करना चाहती हैं। बिल ने यह भी कहा कि रूस के कुछ एजेंट्स राष्ट्रपति ट्रंप की उम्मीदवारी को सोशल मीडिया और रूस के चैनल्स पर आगे बढ़ाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।