क्यों डोकलाम में अपने सैनिकों को तैनात कर रहा है चीन? क्या है चीन के मनसूबे?
डोकलाम इलाके में अपने दबदबे को बरकरार रखने के लिए चीन ने भारी संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती की तरफ इशारा किया है।
नई दिल्ली। डोकलाम इलाके में अपने दबदबे को बरकरार रखने के लिए चीन ने भारी संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती की तरफ इशारा किया है। डोकलाम में भारत से टकराव के बाद भी जारी चीनी सैनिकों की गतिविध पर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कोल वू कायन ने शुक्रवार को सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'डांगलांग (चीन डोकलाम को , डांगलांग कहता है) चीनी क्षेत्र है। इसलिए हमने वहां पर अपने सैनिकों की तैनाती का फैसला किया है।'
दोनों सेनाओं के बीच हुई बैठक
डोकलाम के नजदीकी इलाके याटुंग में चीनी सैनिकों की लगातर बढ़ रही गतिविधियों के चलते भारत को इस इलाके में अपने सैनिकों को तैनात करना पड़ा है। 17 नवंबर को भारत और चीन के बीच 10वीं WMCC बैठक हुई थी लेकिन इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बात हुई या नहीं ये अभी तक पता नहीं चल पाया है। एक अधिकारी ने बताया बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा पर मौजूदा स्तिथि सैन्य सहयोग बढ़ाने को लकर बात हुई थी। डोकलाम विवाद के बाद ये दोनों देशों के बीच पहली बैठक थी।
चीनी सेना ने 30 बार की घुसपैठ
बता दें कि डोकलाम विवाद सुलझने के बाद चीन अभी भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अभी हाल ही में हुए एक खुलासे में पता चाला था कि चीन ने डोकलाम विवाद के बाद भारतीय सीमा में 30 बार घुसपैठ की है। यहां तक कि भारतीय सैनिकों पर चीनी जवानों द्वारा पत्थरबाजी की बात भी सामने आई। चीनी सेना ने यह घुसैपठ 12 अक्टूबर 2017 से 8 नवंबर 2017 के बीच, कुल 30 बार की।
जब चीनी सेना हटी थी पीछे
बता दें कि डोकलाम में चीन और भारत की सेनाएं 73 दिनों तक एक दूसरे के आमने सामने थीं। दरअसल चीन डोकलाम में चीनी सैनिक सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे। भारतीय सैनिकों ने इश पर एतराज जताते हुए निर्माण कार्य रोक दिया जिससे दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं। 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद भारत को इस मामले में कूटनीतिक सफलता मिली थी जब चीन को अपनी सेनाओं को पीछे हटाना पड़ा।
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