चीन ने कहा मसूद अजहर पर अमेरिका ने नहीं दिया कोई अल्टीमेटम, UNSC में सुलझने की ओर बढ़ रहा मामला
वॉशिंगटन। चीन ने बुधवार को जानकारी दी है कि उसे जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के मुद्दे पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से 23 अप्रैल का कोई भी अल्टीमेटम नहीं मिला है। ऐसी खबरें पिछले दिनों आई थीं कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने चीन को दो टूक कहा है कि वह मसूद अजहर पर लगाए गए टेक्निकल होल्ड को खत्म करने की एक समयसीमा तय करे। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही जैश सरगना को बैन करने की मांग उठने लगी है। इस हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के संगठन जैश ने ही ली थी
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मीडिया को दी जानकारियां चेक करने की सलाह
चीन ने जहां अल्टीमेटम वाले दावे को खारिज कर दिया तो वहीं इस बात की जानकारी दी कि यह मुद्दा यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में अब धीरे-धीरे सुलझने की ओर बढ़ रहा है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद अजहर को बैन करने की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। अजहर को यूएनएससी के अल कायदा प्रतिबंध समिति 1267 के तहत ब्लैकलिस्ट करने की मांग अमेरिका, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने उठाई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आता कि आपको इस तरह की जानकारियां कहां से मिलती हैं।' कांग ने इसके साथ ही जानकारी भी दी कि यूएनएससी और इसकी संबंधित शाखा 1267 समिति ने नियमों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट कर दिया है। लू कांग के मुताबिक यह मुद्दा आपसी सहयोग से ही सुलझ सकता है। उन्होंने कहा कि चीन इस बात में यकीन नहीं रखता है कि कोई भी कोशिश मेंबर्स की आपसी सहमति के बिना किसी नतीजे पर पहुंच सकती है।
अमेरिका से जताई थी नाराजगी
चीन ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका, यूनाइटेड नेशंस में मसूद अजहर को लेकर जिस तरह का रुख अपनाए हुए है, उसकी वजह से यह मसला और भी ज्यादा जटिल हो गया है। 13 मार्च को चीन ने अजहर को 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर टेक्निकल होल्ड लगाकर चौथी बार अड़ंगा डाल दिया था। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर की ब्लैकलिस्टिंग के मुद्दे पर चीन एक बार फिर से घिरता नजर आ रहा है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने चीन को दो टूक कहा है कि वह मसूद अजहर पर लगाए गए टेक्निकल होल्ड को खत्म करने की एक समयसीमा तय करे। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही जैश सरगना को बैन करने की मांग उठने लगी है। इस हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के संगठन जैश ने ही ली थी और हमले के बाद से अजहर को ब्लैकलिस्ट करने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है।
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