भारत के सैटेलाइट के जवाब में चीन ने लॉन्च किया बीडीएस, BRI प्रोजेक्ट में शामिल देशों को देगा सर्विसेज
भारत ने जहां गुरुवार को जीसैट-6ए जैसा सैटेलाइट लॉन्च किया तो चीन ने भी दो सैटेलाइट्स लॉन्च कर दिए। चीन ने सिंगल रॉकेट की ताकत से लैस बाईदोउ नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (बीडीएस) को लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव में शामिल देशों को भी सर्विसेज देगा।
बीजिंग। भारत ने जहां गुरुवार को जीसैट-6ए जैसा सैटेलाइट लॉन्च किया तो अगले दिन चीन ने भी दो सैटेलाइट्स लॉन्च कर दिए। चीन ने सिंगल रॉकेट की ताकत से लैस बाईदोउ नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (बीडीएस) को लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव में शामिल देशों को भी सर्विसेज देगा। बीआरआई को पहले 'वन बेल्ट वन रोड' के नाम से जानते थे। इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन रेल, समंदर और रोड के जरिए एशिया को यूरोप और अफ्रीका से जोड़ेगा और इसे पुराने समय के सिल्क रोड के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिका के GPA को देगा टक्कर
इस सैटेलाइट का नाम बिग डिप्पर के लिए प्रयोग होने वाले शब्द पर रखा गया है। बाईदोउ सिस्टम ने साल 2000 में पूरे चीन को अपनी सर्विसेज देना शुरू किया था। अब इस सैटेलाइट को अमेरिका के ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम यानी जीपीएस का प्रतिद्वंदी माना जा रहा है। चीन की सरकार न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की ओर से कहा गया है कि चीनी नेविगेशन सिस्टम साल 2018 के अंत से बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव में शामिल देशों को भी सर्विसेज देने लगेगा। साथ ही करीब साल 2020 तक बीडीएस को ग्लोबल कर दिया जाएगा और कहा जा रहा है कि इसमें 30 से ज्यादा सैटेलाइट्स होंगे। इसमें लॉन्ग मार्च-3बी रॉकेट है और शुक्रवार को सैटेलाइट्स को साउथ वेस्ट चीन के शिचुआन प्रांत में स्थित शिचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से इसे लॉन्च किया गया।
दोनों सैटेलाइट्स को बीडीएस में 30वां और 31वां सैटेलाइट कोडनेम दिया गया है। लॉन्चिंग के बाद तीन घंटे से कुछ ज्यादा समय के बाद सैटेलाइट्स कक्षा में पहुंच गए थे। इस सैटेलाइट और इस रॉकेट को चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस एंड चाइना एकेडमी ऑफ लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी की इनोवेशन एकेडमी फॉर माइक्रोसैटेलाइट्स की ओर से डेवलप किया गया है।