
चीन के 29 युद्धक विमानों ने की घुसपैठ, गुस्साए ताइवान ने दूर तक खदेड़ डाला
ताइपे, 26 जूनः चीन लगातार ताइवान को डराने की कोशिशों में जुटा हुआ है। इसी क्रम में चीन ने मंगलवार को 29 एयरक्राफ्ट ताइवान के एयर डिफेंस जोन में भेजे। लेकिन ताइवान, चीन की इस हरकत से नहीं डरा बल्कि उसने उल्टे अपने जहाजों से चीन की एयरफोर्स को खदेड़ दिया। मई के बाद से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में ये चीन की सबसे बड़ी घुसपैठ है।

मंगलवार को भेजे गए विमान
द स्टार अखबार के मुताबिक ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि चीन की इस घुसपैठ में 17 लड़ाकू विमान, 6 बमवर्षक और अन्य सहायक विमान थे। ये विमान मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम मंत्रालय ने कहा कि ताइवान की ओर से चीन के विमानों को चेतावनी देने के लिए लड़ाकू विमान भेजे गए। जबकि मिसाइल सिस्टम को उनके मार्ग की निगरानी के लिए तैनात किया गया था।

पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत
इससे पहले भी चीन द्वारा 30 मई को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स के 30 लड़ाकू विमानों ने दक्षिण पश्चिमी एयर डिफेंस जोन में प्रवेश किया था। इसमें 2 शानक्सी केजे-500 अवाक्स विमान, 4 शानक्सी वाई-8 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 1 शानक्सी वाई-8 अर्ली वार्निंग, 1 शानक्सी वाई-8 एंटी सबमरीन वॉरफेयर विमान, 6 जे-16 लड़ाकू विमान, 8 जे-11 लड़ाकू विमान, 4 जे-10 लड़ाकू विमान, 2 सुखोई एसयू-35 और 2 सुखोई-30 लड़ाकू विमान शामिल थे।

चीनी विमानों को खदेड़ा
चीनी लड़ाकू विमानों की जानकारी मिलते ही ताइवान क एयर डिफेंस फोर्स हरकत में आ गई और गश्त कर रहे लड़ाकू विमानों को तुरंत चेतावनी देने के लिए भेजा गया। ताइवान ने रेडियो के जरिए भी चीनी पायलटों को चेतावनी देकर अपने इलाके से दूर जाने को कहा। जिसके बाद ताइवानी विमानों को पास आता देख चीनी लड़ाकू विमान अपनी सीमा में भाग खड़े हुए।

बार-बार घुसपैठ कर रहा चीन
ताइवान चीन के करीब ही एक स्व-शासित द्वीप है, जिस पर वह अपना दावा करता है। ताइवान ने पिछले दो साल में चीन की बढ़ती आक्रामकता को लेकर दुनिया से शिकायत की है। ताइवान का कहना है कि पिछले दो साल में चीन की वायु सेना बार-बार दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश करती रही है। वहीं इस साल की सबसे बड़ी घुसपैठ जनवरी में हुई थी जब 39 एयरक्राफ्ट ताइवान में घुसे थे।

चीन ने नहीं की कोई टिप्पणी
हालांकि चीन ने मंगलवार की घुसपैठ पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि इससे पहले चीन कहता रहा है कि उसके इस तरह के कदम देश की संप्रभुता की रक्षा के उद्देश्य से किए गए अभ्यास थे। लेकिन चीन लगातार ताइवान को कब्जाने की बात करता रहा है। हाल ही में उसके विदेश मंत्री अमेरिका के सामने धमकी दे चुके हैं कि चीन ताइवान के लिए युद्ध करने को भी तैयार है।
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