चीन के ‘गुप्त’ प्लान का खुलासा: बाइडेन के करीबियों के बीच सेंधमारी की कोशिश, हाईलेवल मीटिंग लिए लिखी थी चिट्ठी
चीन ने बाइडेन के करीबियों से गुप्त हाई लेवल मीटिंग के लिए अमेरिका को लिखी चिट्ठी। मीटिंग के जरिए चीन अमेरिका से अपने संबंध सुधारने की कोशिश करना चाहता था।
वाशिंगटन: आखिर चीन(China) की कम्यूनिस्ट सरकार अमेरिका में बनी बाइडेन (Joe Biden) सरकार से इतनी जल्दी बातचीत करने के लिए उतावली क्यों हो रही है? आखिर ऐसा क्या है, जो चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो (Politburo) अधिकारी जल्द से जल्द बाइडेन सरकार से मुलाकात करने के लिए परेशान हो रहे हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि अमेरिकी न्यूज पेपर वाल स्ट्रीट जरनल ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन से आये पोलित ब्यूरो के एक अधिकारी और अमेरिका में मौजूद चीनी एंबेसडर ने बाइडेन प्रशासन से मुलाकात करने के लिए सिक्रेट चिट्ठी लिखी दिसंबर महीने में ही लिखी थी।
अमेरिका से टेंशन खत्म करने को व्याकुल है चीन?
वालस्ट्रीट जरनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है, कि चीन बाइडेन प्रशासन के उच्चअधिकारियों के साथ बैठक करना चाहता है ताकि अमेरिका और चीन के बीच डोनाल्ड ट्रंप के शासन में पनपा टेंशन कम किया जा सके। बीजिंग ने व्यापार के मुद्दों से लेकर जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों तक पर जारी अमेरिका के साथ टेंशन को खत्म करने की पहल करनी शुरू कर दी है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सभी बड़े फैसले लेने वाली संस्था पोलितब्यूरो के सदस्य यांग जिएची को वाशिंगटन भेजने का फैसला चीन ने दिसंबर में ही कर लिया था। वालस्ट्रीट जरनल ने दावा किया है कि इस मुलाकात के लिए चीनी एंबेंसडर ने एक बड़े अमेरिकी अधिकारी की चिट्ठी भी लिखी थी।
नये प्रशासन के नजदीक आने की कोशिश
अमेरिकी प्रशासन के करीब आने की कोशिश चीन दिसंबर से ही कर रहा है जब डोनल्ड ट्रंप चुनाव हार गये थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने पहले राष्ट्रपति बाइडेन के साथ सिर्फ व्यापारिक मुद्दों को फोकस में रखकर अपना प्लान तैयार किया था लेकिन शपथ ग्रहण के बाद जब चीन ने देखा कि राष्ट्रपति बाइडेन के मुख्य एजेंडे में जलवायु परिवर्तन भी शामिल है, तो फिर चीन ने अपने प्लान में जलवायु परिवर्तन को भी शामिल कर लिया।
बैकडोर से क्यों मीटिंग करना चाहता है चीन?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन के टॉप लेवल के अधिकारी राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी और टॉप लेवल के अधिकारियों के बीच मीटिंग करना चाहता है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर चीन मीटिंग करना ही चाहता है तो वो सामने से प्रपोजल राष्ट्रपति दफ्तर तक क्यों नहीं भेज रहा है। क्योंकि वालस्ट्रीट जरनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि चीनी अधिकारी अमेरिकन अधिकारियों के साथ बैकचैनल बात करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, कुछ जानकारों का कहना है, कि डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में चीन और अमेरिका के बीच जो रिश्ते बने हैं, उसे देखते हुए चीन चौकन्ना है और वो बाइडेन प्रशासन के सामने फूंक फूंक कर कदम रखने की कोशिश कर रहा है।
चीन का खंडन
अमेरिका में स्थिति चीनी दूतावास ने वालस्ट्रीट जरनल की इस रिपोर्ट का सिरे से खंडन कर दिया है। चीनी दूतावास ने रिपोर्ट का खंडन करते हुए लिखा है कि चीन ने बाइडेन प्रशासन के उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग करने की कोई गुप्त योजना नहीं बनाई है ना ही कोई चिट्ठी लिखी गई है। इसके साथ ही वालस्ट्रीट जरनल को चीनी वेबसाइट की तरफ से नसीहत भी दी गई है। चीन की तरफ से बिना नाम लिए कहा गया है कि 'मीडिया को चीन-अमेरिका संबंध पर जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करनी चाहिए। चीन और अमेरिका दोनों देश को आपसी सहयोग एक मतभेदों को स्वस्थ वातावरण में शांति के साथ सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए'