एक गलती के लिए अमेरिका को मांगनी पड़ी चीन से माफी, जानिए क्या है पूरा मसला
बीजिंग। चीन ने कहा है कि अमेरिका ने अपनी उस गलती के लिए माफी मांग ली है जिसमें उसने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ताइवान का नेता बता दिया था। चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि गलती से साफ है कि व्हाइट हाउस में मौजूद अधिकारी कितने सक्षम हैं और जिसकी वजह से अमेरिका और चीन के रिश्ते कभी बेहतर नहीं हो सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
चीन के विदेश मंत्री गेंग शुआंग ने कहा कि चीन ने अमेरिका से उसकी गलती के लिए स्पष्टीकरण मांगा था। अमेरिका ने कहा कि यह एक तकनीकी भूल थी। बाद में अमेरिका ने अपनी इस गलती के लिए माफी मांगी और गलती को सुधार लिया। गेंग ने यह जानकारी रूटीन मीडिया ब्रीफिंग में दी। शनिवार को अमेरिका की ओर से एक बयान जारी किया गया था। इस बयान में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात की जानकारी दी गई थी। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी ने जिनपिंग को रिपब्लिक ऑफ चाइना का राष्ट्रपति कहकर संबोधित किया। यह ताइवान का एक औपचारिक नाम है। जबकि जिनपिंग जिस चीन का नेतृत्व करते हैं उसे पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना कहते हैं। यह पूरा मुद्दा इसलिए और ज्यादा संवेदनशील हो गया था क्योंकि चीन ताइवान को अपनी सीमा मानता है।
विशेषज्ञों ने उठाई उंगली
चाइना रेनमिन यूनिवर्सिटी में अंतराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर शी यिनहोंग ने इस पर कहा है कि यह कूटनीतिक मुद्दों के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के ज्ञान को दर्शाता है। उनका कहना था कि हालांकि यह एक सिर्फ एक ही ऐसी घटना है फिर भी इससे साफ होता है कि व्हाइट हाउस का स्टाफ कितना अकुशल है और उनके बीच का सामंजस्य कितना बुरा है। उनका मानना है कि इस घटना की वजह से चीनी जनता की नजरों में अमेरिकी सरकार की प्रतिष्ठा और कम हो जाएगी। उनका कहना था कि इस गलती के बारे में चीन की मीडिया ने ज्यादा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप का मजाक उड़ाने का उनका कोई मकसद नहीं था।